Sunday, 15 March 2020

जप, और जप माला के नियम

जप और जप माला 
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मंत्र जप के लिए माला कार्यानुसार तुलसी, वैजयंती, रुद्राक्ष, कमल गट्टे, स्फटिक, पुत्रजीवा, अकीक, रत्नादि किसी की भी हो सकती है। अलग-अलग कार्य सिद्धियों के अनुसार ही इन मालाओं का चयन होता है।
* तारक मंत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ माला तुलसी की मानी जाती है। 
* माला के 108 मनके हमारे हृदय में स्थित 108 नाड़ियों के प्रतीक स्वरूप हैं।
* माला का 109वां मनका सुमेरु कहलाता है।
* जप करने वाले व्यक्ति को एक बार में 108 जाप पूरे करने चाहिए। इसके बाद सुमेरु से माला पलटकर पुनः जाप आरंभ करना चाहिए। 
* किसी भी स्थिति में माला का सुमेरु लांघना नहीं चाहिए।माला को अंगूठे और अनामिका से दबाकर रखना चाहिए और मध्यमा उंगली से एक मंत्र जपकर एक दाना हथेली के अंदर खींच लेना चाहिए। 
* तर्जनी उंगली से माला का छूना वर्जित माना गया है।
* माला के दाने कभी-कभी 54 भी होते हैं। ऐसे में माला फेर कर सुमेरु से पुनः लौटकर एक बार फिर एक माला अर्थात् 54 जप पूरे कर लेना चाहिए। 
* मानसिक रूप से पवित्र होने के बाद किसी भी सरल मुद्रा में बैठें जिससे कि वक्ष, गर्दन और सिर एक सीधी रेखा में रहे।
* मंत्र जप पूरे करने के बाद अंत में माला का सुमेरु माथे से छुआकर माला को किसी पवित्र स्थान में रख देना चाहिए। 
* मंत्र जप में कर-माला का प्रयोग भी किया जाता है। 
* जिनके पास कोई माला नहीं है वह कर-माला से विधि पूर्वक जप करें। कर-माला से मंत्र जप करने से भी माला के बराबर जप का फल मिलता है।
तंत्र में जप एवं मालाओं का चुनाव 
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पुष्टि    ::मूंगा ,हीरा की माला
वशीकरण ::मूंगा ,हीरा की माला
आकर्षण  ::हाथी दांत की माला
उच्चाटन  ::स्फटिक ,घोड़े के दांतों की माला सूत्र में या बालों में गूंथकर
विद्वेषण  ::स्फटिक ,घोड़े के दांतों की माला सूत्र में या बालों में गूंथकर
शत्रु मारण ::गधे के दांतों या स्फटिक की माला
धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष ::शंख या कमलगट्टा की माला
विद्या प्राप्ति ::स्फटिक,मोती,मूंगा,रुद्राक्ष ,पुत्रजीव की माला
तंत्र में रुद्राक्ष की माला से सब प्रकार के मन्त्रों का जप किया जा सकता है |..................................................................हर-हर महादेव 

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