शुक्रवार, 13 मार्च 2020

पूजा से नुकसान तो नहीं ?

क्या अपनी बर्बादी खुद लिख रहे
======================
कभी सोचा है
-----------------
                       आप जिस देवता को पूजते हैं आपका अंतिम पड़ाव उस देवता तक ही अधिकतम हो सकता है ,अर्थात आप अधिक से अधिक उसके लोक तक ही जा सकते हैं ,अगर वह प्रसन्न हो गया अथवा सिद्ध हो गया तो |आप अगर भूत -प्रेत ,पिशाचिनी ,यक्षिणी ,अप्सरा ,पीर ,मजार ,शहीद ,बीर ,सती ,ब्रह्म ,साईं पूजते हैं तो आपका अंतिम पड़ाव यही होंगे आपको देवी-देवताओं का लोक नहीं मिलने वाला इन्हें पूजने से |इतना तो सभी जानते हैं की किस देवता को पूजने से क्या मिलता है ,उसी तरह जिसे आप पूजते हो वह आपको मिलता है और आपको उसका लोक मिलता है |अगर कोई मनुष्य मरा है और ब्रह्म ,पीर ,बीर ,सती ,शहीद ,साईं ,प्रेत ,भूत बना है तो उसकी तो क्षमता ही उसके लोक तक है ,जब वह खुद आत्मा रूप में घूम रहा तो आपको क्या देवताओं तक ले जाएगा |
                        इसी तरह पिशाचिनी ,यक्षिणी ,अप्सरा भी अपने लोक और क्षमता से ऊपर तो आपको नहीं ही पहुचा सकते |क्या आप गारंटी से कह सकते हैं की अमुक शहीद ,ब्रह्म ,बीर ,साईं का मोक्ष हो गया या वह देव लोक तक चले गए |जब खुद नहीं गए तो आपको क्या ले जायेंगे |अगर चले गए तो उनके पूजने पर यहाँ आपका काम कैसे होता है |यहाँ आपका काम होता है इसका मतलब वह इसी भौतिक दुनिया में भटक रहे और आपके पूजा को लेकर अपनी शक्ति बढ़ा रहे और अपना शक्ति बरकरार रख रहे |
                 इनमे एक दोष और होता है यह पूजे जाने पर आपके कुलदेवता की पूजा ले लेते हैं और कुलदेवता साथ छोड़ देते हैं ,आज तो नहीं समझ आएगा पर अगली पीढियां परिणाम गंभीर भुगतेंगी जब कुलदेवता का सुरक्षा चक्र समाप्त हो जाएगा |दूसरी समस्या की कुलदेवता को पूजा न मिलने से ईष्ट तक आपकी पूजा नहीं पहुचेगी |आप तीन घंटे पूजा करो पर लाभ कुछ भी नहीं होगा |ईष्ट तक पूजा पहुच ही नहीं रही |थक कर आप कहोगे की पूजा पाठ ,तंत्र मन्त्र सब बेकार है |
                      तीसरी समस्या यह होगी आपके इन शक्तियों को पूजने से की जब तक आप इन्हें पूजोगे ये आपको सुखी रखेंगी क्योकि इनका स्वार्थ है आपकी पूजा से इन्हें शक्ति मिलेगी |आने वाली पीढ़ियों में जब कोई भूलेगा या पूजा नहीं देगा या आप ही कभी पूजा बंद कर दिए तो यह उनका या आपका विनाश कर देंगी |कुलदेवता और ईष्ट पहले ही गायब हैं आपका या पीढ़ियों का भला कोई नहीं कर पायेगा |इन सब कारणों को आपने सोचा नहीं पूजने लगे आत्मा की प्रतीक शक्तियों को ,जब परिणाम बंद हुआ तो पूजा पाठ सब बेकार बना दिया |पहले नहीं सोचा तो भैया अब सोचो ,अभी आपके पास समय हो सकता है |वर्ना अपना तो बेडा गर्क करोगे ही आने वाली पीढियां भी गाली देंगी की कहाँ फंसा कर चले गए उन्हें आप |दुसरे की देखा -देखि साईं -पीर के भ्रम से बाहर निकलो नहीं तो पछताने पर भी रास्ता नहीं मिलेगा |....[पोस्ट का उद्देश्य किसी की भावना  को  ठेस  पहुचना नहीं है ,अपितु पूजा -पाठ  के आतंरिक रहस्य को समझने का प्रयत्न मात्र है ,जो हम अपने पेज और ब्लॉग के पाठकों से साझा कर रहे ,वैचारिक स्वतंत्रता के अधिकार के आलोक में ]...................................................................हर-हर महादेव 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महाशंख  क्या होता है ?

                      महाशंख के विषय में समस्त प्रभावशाली तथ्य केवल कुछ शाक्त ही जानते हैं |इसके अलावा सभी लोग tantra में शंख का प्रयोग इसी...