नक्षत्र और वनस्पति के संयोग से विविध कार्य सम्पादन
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[१] मृगशिरा नक्षत्र में महुवा वृक्ष की जड़ लाकर रखें तो चोरी नहीं होती है |
[२] स्वाति नक्षत्र में मोगरा की जड़ लेकर भैस के दूध में घिसकर पीने से काला रंग गोरा हो जाता है |
[३] मघा नक्षत्र में पीपल की जड़ लेकर पास में रखें तो रात्री में बुरे सपने नहीं आते हैं |
[४] उत्तराषाढा नक्षत्र में कलाग्रामा की जड़ लेकर हाथ में बांधे तो पहलवान से युद्ध में जीत सकता है |
[५]पुष्य नक्षत्र में नागरबेल की जड़ लेकर पास में रखने पर दुष्ट व्यक्ति से भय कम होता है |
[६]अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ को लाकर सर पर रखने से शत्रु मित्र हो जाते हैं |
[७]उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ को लाकर पास रखने पर लड़की होने की बजाय लड़का होता है |
[८]हस्त नक्षत्र रविवार के दिन अन्धाहुली को लेकर उच्च व्यक्ति के माथे पर डाले तो उच्च व्यक्ति वश में होता है और बुरा व्यक्ति भी प्यार करने लगता है |
[९]भरनी नक्षत्र में शंखाहुली की जड़ लाकर ताबीज में रखने पर स्त्री वश में होती है |
[१०] पुनर्वसु नक्षत्र में मेहंदी की जड़ को लेकर पास रखने पर अपने शरीर से अच्छी सुगंध आती है |
[११]विशाखा नक्षत्र में बबूल की जड़ को लाकर पास में रखने पर चरी प्रकाशित नहीं होता है |
[१२] हस्त नक्षत्र में चम्पा की जड़ लाकर गले में बांधने से भूत प्रेत नहीं लगता है |
[१३]मूल नक्षत्र में गूलर की जड़ लेकर पास रखने पर दूसरों का द्रव्य मिलता है |
[१४] शतभिषा नक्षत्र में केले की जड़ लेकर शहद के साथ पीने पर ताप नहीं होता है |
[१५]कृतिका नक्षत्र में रोहिस की जड़ लाकर पास में रखने पर अग्नि से भय कम होता है |
[१६]आश्लेषा नक्षत्र में धतूरा की जड़ लेकर घर की देहली में रखने पर सांप घर में नहीं आता है |
[१७] पुर्वाषाढा नक्षत्र में शहतूत की जड़ लेकर स्त्री को पिलाने पर योनी संकोच नहीं होती है |
[१८]पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ लाकर दूध में घिसकर पिलाने से बाँझ स्त्री को पुत्र प्राप्त हो सकता है |
[१९]उत्तराषाढा नक्षत्र में पीपल की जड़ लेकर पास में रखने पर मनुष्य युद्ध में जीत जाता है |
[२०]रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि में नग्न होकर ,नगद बावची की जड़ लाकर पास में रखने पर वीर्य नहीं चलता है |
[२१]आर्द्रा नक्षत्र में अर्क की जड़ लाकर ताबीज में डालकर पास में रखने पर झूठी बात सच हो सकती है |
[२२]चित्रा नक्षत्र में गुलाब की जड़ लेकर पास में रखे तो शरीर में कष्ट नहीं होता है |
[२३]श्रवण नक्षत्र में आंवले की जड़ ,नागार्बेल के रस में पिए तो स्त्री नवयौवन प्राप्त करती है |
[२४]रेवती नक्षत्र में बड की जड़ लेकर माथे पर रखे तो दृष्टि चौगुनी होती है |.........................................................हर-हर महादेव
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[१] मृगशिरा नक्षत्र में महुवा वृक्ष की जड़ लाकर रखें तो चोरी नहीं होती है |
[२] स्वाति नक्षत्र में मोगरा की जड़ लेकर भैस के दूध में घिसकर पीने से काला रंग गोरा हो जाता है |
[३] मघा नक्षत्र में पीपल की जड़ लेकर पास में रखें तो रात्री में बुरे सपने नहीं आते हैं |
[४] उत्तराषाढा नक्षत्र में कलाग्रामा की जड़ लेकर हाथ में बांधे तो पहलवान से युद्ध में जीत सकता है |
[५]पुष्य नक्षत्र में नागरबेल की जड़ लेकर पास में रखने पर दुष्ट व्यक्ति से भय कम होता है |
[६]अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ को लाकर सर पर रखने से शत्रु मित्र हो जाते हैं |
[७]उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ को लाकर पास रखने पर लड़की होने की बजाय लड़का होता है |
[८]हस्त नक्षत्र रविवार के दिन अन्धाहुली को लेकर उच्च व्यक्ति के माथे पर डाले तो उच्च व्यक्ति वश में होता है और बुरा व्यक्ति भी प्यार करने लगता है |
[९]भरनी नक्षत्र में शंखाहुली की जड़ लाकर ताबीज में रखने पर स्त्री वश में होती है |
[१०] पुनर्वसु नक्षत्र में मेहंदी की जड़ को लेकर पास रखने पर अपने शरीर से अच्छी सुगंध आती है |
[११]विशाखा नक्षत्र में बबूल की जड़ को लाकर पास में रखने पर चरी प्रकाशित नहीं होता है |
[१२] हस्त नक्षत्र में चम्पा की जड़ लाकर गले में बांधने से भूत प्रेत नहीं लगता है |
[१३]मूल नक्षत्र में गूलर की जड़ लेकर पास रखने पर दूसरों का द्रव्य मिलता है |
[१४] शतभिषा नक्षत्र में केले की जड़ लेकर शहद के साथ पीने पर ताप नहीं होता है |
[१५]कृतिका नक्षत्र में रोहिस की जड़ लाकर पास में रखने पर अग्नि से भय कम होता है |
[१६]आश्लेषा नक्षत्र में धतूरा की जड़ लेकर घर की देहली में रखने पर सांप घर में नहीं आता है |
[१७] पुर्वाषाढा नक्षत्र में शहतूत की जड़ लेकर स्त्री को पिलाने पर योनी संकोच नहीं होती है |
[१८]पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ लाकर दूध में घिसकर पिलाने से बाँझ स्त्री को पुत्र प्राप्त हो सकता है |
[१९]उत्तराषाढा नक्षत्र में पीपल की जड़ लेकर पास में रखने पर मनुष्य युद्ध में जीत जाता है |
[२०]रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि में नग्न होकर ,नगद बावची की जड़ लाकर पास में रखने पर वीर्य नहीं चलता है |
[२१]आर्द्रा नक्षत्र में अर्क की जड़ लाकर ताबीज में डालकर पास में रखने पर झूठी बात सच हो सकती है |
[२२]चित्रा नक्षत्र में गुलाब की जड़ लेकर पास में रखे तो शरीर में कष्ट नहीं होता है |
[२३]श्रवण नक्षत्र में आंवले की जड़ ,नागार्बेल के रस में पिए तो स्त्री नवयौवन प्राप्त करती है |
[२४]रेवती नक्षत्र में बड की जड़ लेकर माथे पर रखे तो दृष्टि चौगुनी होती है |.........................................................हर-हर महादेव
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