व्यवसाय कार्य बंधन और तांत्रिक वस्तुएं
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आमतौर पर देखा गया है की एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान ,दूकान पास-पास होते हुए भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा है ,जबकि दुसरे का व्यापार ठप पड़ा रहता है अथवा बहुत कम चलता है |कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है की कभी किसी दूकान पर बहुत भीड़ लगती थी पर आज वहां एक भी ग्राहक दिखाई नहीं देता जबकि पास में बाद में खोली हुई दूकान बहुत अच्छी चल रही है ,,जिस घर में कभी सुख-शांति थी वहां एकाएक लड़ाई-झगडे , मार-पीट ,रोग-शोक पनप जाते हैं |क्यों ऐसा होता है |इसके यद्यपि कई कारण हो सकते हैं पर अक्सर इसके कारण तांत्रिक प्रयोग भी होते हैं ,छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए लोग खुद अथवा किसी लालची से तांत्रिक क्रियाएं करवाकर दुसरे को कष्ट दे देते हैं अथवा उसकी दूकान-प्रतिष्ठान बंधवा देते हैं ,कभी किसी जानकार से शत्रुता भी भरी पड़ जाती है ,वह कुछ क्रिया करके दूकान बाँध देता है |कभी-कभी इनमे जानकार की कोई गलती नहीं होती ,सामने वाला प्रतिद्वंदी किसी जानकार से जाकर कहता है की मेरे सामने वाला या पडोसी बहुत परेशां कर रहा है ,तांत्रिक क्रिया कर रहा है या समस्या उत्पन्न कर रहा है ,कोई उपाय करें ,अब जानकार अन्तर्यामी तो होता नहीं ,वह कुछ टोटके कर देता है या बता देता है ,परेशांन दूसरा व्यक्ति हो जाता है जबकि उसने कोई गलती नहीं की होती |ऐसा होता है अक्सर |
यदि ऐसा हो और लगे की अचानक बहुत समस्या आ गयी है और दूकान-प्रतिष्ठान का व्यवसाय कम हो गया है ,अथवा आसपास अच्छी स्थिति होने पर भी आपके पास उपयुक्त व्यवसाय नहीं हो पा रहा हो तो बेहतर तो है की किसी अच्छे जानकार से संपर्क करें |यदि यह संभव न हो तो इसका एक सरल सा उपाय करें ,आपकी समस्या हल हो जाएगी |इसके लिए तीन तांत्रिक वस्तुएं लें सियार सिंगी ,बिल्ली की नाल और हत्था जोड़ी |यद्यपि इसके लिए बहुत सावधानी और परिश्रम की जरुरत होगी क्योकि बिल्ली की नाल और सियारर्सिंगी का मिलना ही बेहद मुश्किल होता है |इन तीनो तांत्रिक वस्तुओं को प्राप्त कर प्राण-प्रतिष्ठित करवाकर एक डिब्बी में सिन्दूर भरकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान के कैश बाक्स या तिजोरी में रख दें |यदि घर पर रखना चाहें तो पूजा स्थान पर रख दें |तांत्रिक दोष निवारण के लिए इन तीनो वस्तुओं का घर अथवा प्रतिष्ठान में रखना ही पर्याप्त है ,इनका रोज धुप-अगरबत्ती -पूजा किया जाना ही पर्याप्त है |स्थापित होते ही इनका प्रभाव प्रारम्भ हो जाता है |कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती है और व्यवसाय अपनी वास्तविक स्थिति में आ जाता है ,घर-परिवार में सुख-शांति आ जाती है |............................................................हर-हर महादेव
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आमतौर पर देखा गया है की एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान ,दूकान पास-पास होते हुए भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा है ,जबकि दुसरे का व्यापार ठप पड़ा रहता है अथवा बहुत कम चलता है |कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है की कभी किसी दूकान पर बहुत भीड़ लगती थी पर आज वहां एक भी ग्राहक दिखाई नहीं देता जबकि पास में बाद में खोली हुई दूकान बहुत अच्छी चल रही है ,,जिस घर में कभी सुख-शांति थी वहां एकाएक लड़ाई-झगडे , मार-पीट ,रोग-शोक पनप जाते हैं |क्यों ऐसा होता है |इसके यद्यपि कई कारण हो सकते हैं पर अक्सर इसके कारण तांत्रिक प्रयोग भी होते हैं ,छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए लोग खुद अथवा किसी लालची से तांत्रिक क्रियाएं करवाकर दुसरे को कष्ट दे देते हैं अथवा उसकी दूकान-प्रतिष्ठान बंधवा देते हैं ,कभी किसी जानकार से शत्रुता भी भरी पड़ जाती है ,वह कुछ क्रिया करके दूकान बाँध देता है |कभी-कभी इनमे जानकार की कोई गलती नहीं होती ,सामने वाला प्रतिद्वंदी किसी जानकार से जाकर कहता है की मेरे सामने वाला या पडोसी बहुत परेशां कर रहा है ,तांत्रिक क्रिया कर रहा है या समस्या उत्पन्न कर रहा है ,कोई उपाय करें ,अब जानकार अन्तर्यामी तो होता नहीं ,वह कुछ टोटके कर देता है या बता देता है ,परेशांन दूसरा व्यक्ति हो जाता है जबकि उसने कोई गलती नहीं की होती |ऐसा होता है अक्सर |
यदि ऐसा हो और लगे की अचानक बहुत समस्या आ गयी है और दूकान-प्रतिष्ठान का व्यवसाय कम हो गया है ,अथवा आसपास अच्छी स्थिति होने पर भी आपके पास उपयुक्त व्यवसाय नहीं हो पा रहा हो तो बेहतर तो है की किसी अच्छे जानकार से संपर्क करें |यदि यह संभव न हो तो इसका एक सरल सा उपाय करें ,आपकी समस्या हल हो जाएगी |इसके लिए तीन तांत्रिक वस्तुएं लें सियार सिंगी ,बिल्ली की नाल और हत्था जोड़ी |यद्यपि इसके लिए बहुत सावधानी और परिश्रम की जरुरत होगी क्योकि बिल्ली की नाल और सियारर्सिंगी का मिलना ही बेहद मुश्किल होता है |इन तीनो तांत्रिक वस्तुओं को प्राप्त कर प्राण-प्रतिष्ठित करवाकर एक डिब्बी में सिन्दूर भरकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान के कैश बाक्स या तिजोरी में रख दें |यदि घर पर रखना चाहें तो पूजा स्थान पर रख दें |तांत्रिक दोष निवारण के लिए इन तीनो वस्तुओं का घर अथवा प्रतिष्ठान में रखना ही पर्याप्त है ,इनका रोज धुप-अगरबत्ती -पूजा किया जाना ही पर्याप्त है |स्थापित होते ही इनका प्रभाव प्रारम्भ हो जाता है |कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती है और व्यवसाय अपनी वास्तविक स्थिति में आ जाता है ,घर-परिवार में सुख-शांति आ जाती है |............................................................हर-हर महादेव
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