Friday, 13 March 2020

भाग्य का भी पूरा फल नहीं मिल रहा आपको -क्यों ?

भाग्य का पूरा मिलना भी बड़े भाग्य की बात है
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                 जन्म लेने वाला हर मनुष्य अपने पिछले कर्मों के अनुसार कुछ इस तरह का भाग्य लेकर जन्म लेता है जो उसके पिछले कर्मों का परिणाम उसे प्रदान करते हैं अर्थात यह उसके गत कर्मों के अनुसार निर्मित हुए होते हैं |जन्म कालिक विशिष्ट ग्रह स्थितियां व्यक्ति के भाग्य का निर्धारण करती हैं |ऐसा अक्सर देखने में आता है की व्यक्ति के भाग्य में जो लिखा है वह उसे पूरा का पूरा मिल जाए ऐसा बहुत कम होता है |भाग्य अथवा कुंडली कहती है की संतान होगा ,फिर भी कुछ लोग संतानहीन रह जाते हैं ,कुंडली कहती है २२ साल में विवाह होगा किन्तु ३० साल में भी विवाह नहीं हो पाता ,भाग्य कहता है की सरकारी नौकरी या नौकरी के प्रबल योग २५ साल में हैं व्यक्ति ३५ साल में भी बेरोजगार है ,कुंडली कहती है व्यक्ति में राजयोग है पर वह चपरासी की स्थिति में जीने को विवश है |ऐसा अक्सर होता है |इसका सीधा मतलब है की जो भाग्य में लिखा है वह पूरा कम ही मिलता है अर्थात भाग्य में कमी हो जाती है |इसके साथ ही यह भी देखा जाता है की भाग्य से अधिक भी नहीं मिलता |कहावत भी है समय से पहले भाग्य से ज्यादा ,किसी को कुछ नहीं मिलता ,अर्थात भाग्य से ज्यादा मिलेगा नहीं ,कम जरुर हो सकता है |ऐसा क्यों होता है |
                          यदि इसके कारणों का विश्लेषण करें तो हम पाते हैं की इसका कारण नेगेटिविटी [नकारात्मकता ]होती है जो मिलने वाले भाग्य में अवरोधक बन उसमे कमी करवा देती है |आज आपको किसी व्यक्ति से एक लाख रुपये मिलने हैं ,उसमे से आपका लाभ १० हजार का है |आप आलस्यवश उसे टाल देते हैं की बाद में ले लेंगे |आज आपके भाग्य में वह लाभ था किन्तु नकारात्मक ऊर्जा के कारण उत्पन्न आलस्य ने आपको आज उसे प्राप्त करने से रोक दिया |एक छोटे से निर्णय ने आपके भाग्य में अवरोध उत्पन्न कर दिया |आप कुछ दिन बाद प्रयास करते हैं ,पैसा मिल भी जाता है ,किन्तु उस समय उससे कोई उपयोग होने का समय नहीं है तो वह नुक्सान भी हो सकता है अथवा गिर भी सकता है |भाग्य में मिलना था मिला किन्तु आपने समय गलत चुना ,सही समय पर लिया नहीं ,इसलिए उसका नुक्सान हो गया |जितने दिन बाद आप उसे लेते हैं उतने दिन उसे किसी अन्य काम में लगाते तो उन्नति अलग से होती |यही है नकारात्मकता जो आपके भाग्य में कमी कर देती है |आज किसी का इंटरव्यू है ,उसके भाग्य में नौकरी है ,घर में अचानक कोई बीमार हो गया ,उसे तत्काल सहायता चाहिए ,इंटरव्यू छोड़ वह तीमारदारी में जुट गया ,भाग्य में लिखी नौकरी हाथ से निकल गयी ,यह घर की नकारात्मक उर्जा है जो उन्नति में अवरोधक हो गयी |भाग्य में संतान लिखी थी ,पर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में आकर हम गलत कर्मों की और मुड़ गए जिसके कुछ ऐसी कमी उत्पन्न हो गयी की संतान हो ही नहीं रही है |ऐसा भी होता है |आप माने या न माने |कहने वाले कुछ भी कहें ,भाग्य को अटल माने पर हमने कमियाँ होते बहुतों में देखा है |
                               भाग्य में आने वाली कमी को ही आप पूजा-पाठ, साधना-अनुष्ठान ,यन्त्र -ताबीज से ठीक करते हैं |99.9% लोग भाग्य नहीं बदल सकते ,यद्यपि भाग्य बदलना असंभव नहीं है ,किन्तु इसके लिए साधना से बहुत उच्च स्तर पर जाना होता है जो अधिकतर के लिए संभव नहीं होता |जो बदलने की क्षमता प्राप्त कर लेते हैं उनके लिए इसका महत्व ही समाप्त हो जाता है |उनमे से १% लीग ही सामाजिक रूचि रखते हैं अन्यथा निर्लिप्त हो जाते हैं |ऐसे में अधिकतर भाग्य भुगतने को विवश होते हैं |सामान्य लोगों द्वारा किया जाने वाला पूजा-पाठ ,साधना -अनुष्ठान अथवा यन्त्र ताबीज धारण उनके भाग्य पर छाये नकारात्मकता के प्रभाव को ही हटाता है और भाग्य का लिखा पूरा दिलाने का माध्यम होता है |यह सकारात्मकत बढ़ाकर पूर्ण फल प्राप्ति में ही सहायक होता है |सामान्य रूप से इससे भाग्य में परिवर्तन नहीं होता ,हां जो मिलना है वह पूरा मिले इसकी सम्भावना बनती है |पूजा-साधना, यन्त्र-ताबीज धारण से शक्ति का आगमन व्यक्ति और उसके आसपास होता है जो व्यक्ति में ऊर्जा का स्तर और मात्रा बढ़ा देती है फलतः कर्म प्रभावित होता है ,सोच बदलती है ,व्यवहार परिवर्तित होता है फलतः समस्त परिणाम बदल जाते हैं |इसलिए भाग्य का पूरा मिले इसके लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहे इसके उपाय किये जाने चाहिए क्योकि नकारात्मकता तो हर जगह आज के समय में प्रभावी हो चुकी है |
                                पृथ्वी के वातावरण अर्थात सतह से कुछ नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होता है ,जो कहीं अधिक कहीं कम होता है |ज्योतिष की समस्त विवेचना इनके सामान्य प्रभाव के आधार पर होती है जबकि जहाँ प्रभाव अधिक है वहां ग्रहों के प्रभाव में परिवर्तन आ जाता है | कुलदेवता /देवी दोष ,ईष्ट नाराजगी ,वास्तु दोष ,गलत जीवन चर्या ,किये-कराये का दोष ,पित्र दोष ,पितरों के साथ जुड़ गयी अन्य आत्माओं आदि से नकारात्मकता में वृद्धि होती है ,जो हर जगह अड़चने उत्पन्न करते हैं ,स्वास्थय ,मानसिक स्थिति ,पारिवारिक सौहार्द ,आर्थिक स्थिति ,निर्णय क्षमता आदि को प्रभावित करते हैं और जो मिलना है वह भी नहीं मिलने देते |माध्यम व्यक्ति खुद हो जाता है पर उसे समझ नहीं आता |पूजा -आराधना जरुर से और रोज करने चाहिए ,भले १० मिनट ही करें पर पूरी एकाग्रता से करें ,जिससे धनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो ,नकारात्मकता दूर रहे ,तभी भाग्य का लिखा पूरा मिल पायेगा |यदि गंभीरता से उपयुक्त पूजा-साधना नहीं कर पा रहे हैं तो किसी सिद्ध साधक से उच्च शक्ति का यन्त्र ताबीज बनवाकर धारण करें ,यह आपके उपार से और आसपास से नकारात्मक ऊर्जा हटा देंगे और आपके भाग्य का पूरा मिलेगा |कुछ लोगों को लग सकता है की हम यंत्रादी का प्रचार कर रहे हैं ,किन्तु यह हमने खुद अनेकों पर परीक्षण-अनुभव किया है यन्त्र/ताबीज तुरंत असर करते हैं ,भले पूजा-साधना में समय लगे |नकारात्मक ऊर्जा से ग्रस्त व्यक्ति के हाथों में ताबीज रखते ही गंभीर प्रतिक्रिया हमने पाई है ,गंभीर बीमार को यन्त्र पहनाने पर उसे स्वस्थ हुआ पाया है |गंभीर व्यसनों में लिप्त को यन्त्र पहनते ही अंतरात्मा जागते और व्यसनों से मुक्त होते पाया है |जवानी के उमंग में माँ-बाप ,परिवार की अवहेलना कर प्यार मुहब्बत में पड़े को सुधरते और परिवार के ,जीवन के अनुकूल आचरण बदलते पाया है |इसलिए व्यक्तिगत रूप से हमारा मानना रहा है की यह सबसे अधिक उपयुक्त इलाज होता है नकारात्मकता को हटाने का |यही कारण है की शुरू से इस पर हमारा विशेष ध्यान रहा और हम इसको सर्वाधिक प्राथमिकता देते रहे |इसके सर्वाधिक पोस्ट भी लिखते रहे हैं |हो सकता है कुछ को अतिशयोक्ति लगे ,किन्तु यह अकाट्य सत्य है की यन्त्र-ताबीज अगर उपयुक्त व्यक्ति द्वारा अपने हाथों से बनाकर अभिमंत्रित कर दिया जाए तो ,उससे त्वरित लाभ मिलता है |
                                भाग्य जानने के लिए अक्सर लोग यहाँ वहां अपनी कुंडलियाँ लिए फिरते हैं ,अनेको जगह पोस्ट करते रहते हैं ,पर संतुष्टि कम ही मिल पाती है |इसका कारण है की जो ज्योतिषी बता रहे हैं वैसा उनके जीवन में घटित कम हो रहा है |यहाँ गलती ज्योतिषी की नहीं होती |जो आपके भाग्य में लिखा है वही ज्योतिषी बता रहा है |गलती आपकी भी नहीं है ,क्योकि वह हो नहीं रहा जो ज्योतिषी बता रहा है |गलती तो आपसे या परिवार से जुडी नकारात्मकत का है जो ,आपके भाग्य के अनुसार घटनाएं होने नहीं दे रहा |ज्योतिषी ने बताया पित्र दोष है ,उससे उत्पन्न समस्याएं भी बता दी ,किन्तु आपकी कुंडली यह नहीं बताती की पितरों के साथ दूसरों की आत्माएं भी जुड़कर आपको प्रभावित कर रही हैं ,यह आत्माएं आपका अधिक अहित करती हैं क्योकि इनको आपसे कोई लगाव नहीं होता |पित्र तो जल्दी नुक्सान नहीं करते ,इसलिए उनसे उत्पन्न सामान्य समस्या ज्योतिषी बता देता है |पर समस्या गंभीर होती है क्योकि दुसरे उसे उत्पन्न करते हैं ,चूंकि पित्र खुद असंतुष्ट होते हैं इसलिए दूसरी आत्माओं को रोकते नहीं |
                          इसीतरह आपके कुलदेवता/देवी नाराज हैं या आपके परिवार से निर्लिप्त हैं तो कोई भी नकारात्मक शक्ति आपको बेरोक टोक प्रभावित कर सकती है और आपके लिए समस्या उत्पन्न कर बाधा खड़ी करती रहती है |इसका भी उल्लेख कुंडली में नहीं मिलता फलतः आपको आपके भाग्य का पूरा नहीं मिलता |अतः गलत ज्योतिषी नहीं होता ,आपके नकारात्मकता से प्रभावित होने से वह नहीं हो रहा होता जो सामान्य रूप से होना चाहिए | इसी तरह वास्तु दोष ,ईष्ट दोष ,कर्म दोष ,किये कराये आदि से उत्पन्न नकारात्मकता भी प्रभावित करती है जिनका ज्ञान सामान्य रूप से कुंडली से कम ही हो पाता है |वास्तु की समस्या आप द्वारा या परिवार द्वारा बिन सोचे समझे निर्माण आदि से उत्पन्न होती है जो आपको प्रभावित करती है ,इससे जन्मकालिक ग्रहों का कोई लेना देना नहीं होता और इसके प्रभाव आपकी दिनचर्या ,जीवन स्थिति ,मानसिक स्थिति पर पड़ते हैं ,जो भाग्य में है वह भी आप अपनी उत्पन्न कमियों से नहीं ले पाते |ईष्ट की पूजा कर रहे रोज किन्तु तरीका पता नहीं है और अनुपयुक्त तरीके से फल -फूल- पदार्थ चढ़ा रहे ,ईष्ट के प्रतिकूल आचरण -कर्म कर रहे ,ऐसे में ईष्ट प्रसन्न न होकर नाराज हो गया |आ रही ऊर्जा अनियंत्रित होकर नुक्सान कर रही |कोई बाहरी बाधा या शक्ति आपके घर में है या आपको प्रभावित कर रही है और आप उससे मुक्ति के लिए राहत के लिए टोटकों का सहारा ले रहे हैं ,जिससे उस शक्ति पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ रहा ,वह चिढ जरुर जा रही तथा और अधिक नुक्सान कर रही ,आप अस्त व्यस्त होकर अपनी दिनचर्या में असंतुलित हो भाग्य का नहीं ले पा रहे |यह सब भी ग्रहा -कुंडली -भाग्य नहीं बताते हैं |
                    किसी ने आपके परिवार या ,सदस्यों पर या आप पर कोई तांत्रिक अभिचार कर दिया ,आप परेशान हो गए ,सब अस्त व्यस्त है ,भाग्य में जो मिलना है उसे नहीं ले पा रहे |खुद बीमार हो रहे या मन नहीं लग रहा ,जरुरी अवसर पर परिवार का कोई बीमार हो गया ,अचानक कोई दुर्घटना हो गयी ,कोई पैसे ले दबा लिया ,ऐसी स्थिति आई की कर्ज हो गया ,इतना तनाव बधा की घर में कलह होने लगा |आप बुरी तरह डिस्टर्ब हो गए ,मानसिक -शारीरिक और आर्थिक रूप से ,ज्जब्की यह सब भाग्य में अथवा कुंडली में नहीं था |यह तो दुसरे द्वारा नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति का प्रक्षेपण था |आप भाग्य की भविष्यवाणी के लिए यथा क्षमता ,यथा समय प्रयास ही नहीं कर पा रहे और जो भाग्य में मिलना है वह भी नहीं ले पा रहे |ऐसे में ज्योतिषी की भविष्यवाणी तो गलत हो ही जायेगी |वह तो ग्रह स्थतियों के अनुसार बता रहा और यहाँ आप दूसरी शक्तियों से प्रभावित हैं |इसके लिए आपको अपने नकारात्मकता को हटाना चाहिए चाहे वह किसी भी तरह की हो ,अच्छे जानकार से विश्लेषण कराना चाहिए जो इन बातों को समझता हो ,यह ज्योतिष के विषय नहीं हैं |जब सामान्य स्थिति होगी तभी भाग्य का भी मिलेगा और ज्योतिषी की भविष्यवाणी भी सच होगी |.......[व्यक्तिगत विचार ]..............................................................................हर-हर महादेव 
कापी -पेस्ट गुरु लोग कापी करने की बजाय शेयर कर लें तो बेहतर ,क्योकि हम लगातार पूरी सीरिज लिख रहे और क्रमशः इस ब्लॉग पर पोस्ट कर रहे ,कितना कापी पेस्ट करेंगे ,भेद खुलने पर आपके सम्मान को ठेस लगेगी |..धन्यवाद 

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