अनुलोम विलोम प्राणायाम
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अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास साधकों के लिए बहुत ही शक्तिशाली होता है। इस प्राणायामके द्वारा मन एकाग्र होता है। आज्ञाचक्र का जागरण होता है। इससे इड़ा- पिङ्गला नाड़ियों काशोधन होता है तथा प्राणों का सन्तुलन बनाने में सहायता मिलती है।
ध्यानात्मक आसन में बैठें। बायें नथुने से गहरी श्वास खींचें, भाव करें कि श्वास नासिका मार्ग सेऊपर भ्रूमध्य तक जाती है। थोड़ी देर श्वास रोकें, आज्ञाचक्र में प्रकाश का ध्यान करें। जितनी देरआसानी से श्वास रोक सकें, रोकें, तत्पश्चात् दायें नथुने से श्वास बाहर निकाल दें। थोड़ी देर श्वासको बाहर रोकें। आज्ञाचक्र में प्रकाश का ध्यान करें। इसके बाद दाहिने नथुने से पूरक करें और बायें सेरेचक करें। …………………………………………………….हर-हर महादेव
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