Monday 13 April 2020

टोना -टोटका ,तंत्र क्रिया हटायें खुद से एक दिन में

 किये -कराये ,टोन -टोटके ,तंत्र क्रिया हटाने का उपाय 
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                                        हमारे समाज में कुछ लोग स्वाभाविक रूप से दूसरों को परेशान करने में सुख महसूस करने वाले होते हैं |कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें अपने सुख से ख़ुशी नहीं मिलती अपितु दुसरे को दुखी देखकर या दुसरे को दुःख देकर ख़ुशी मिलती है |कुछ अपने ही परिवार -रिश्तेदारी के लोग होते हैं जो हमें रोग -शोक ,बीमारी कष्ट में देखना चाहते हैं ,हमारी उन्नति रोकना चाहते हैं |यह सभी लोग अक्सर सामने न आकर टोन टोटकों का भी प्रयोग करते हैं |यह दूसरों पर रोग ,शोक ,दुःख -दरिद्रता का प्रकोप कर अथवा करा देते हैं |इसके लिए तांत्रिक का सहारा लेते हैं या खुद तांत्रिक क्रियाएं करते हैं |मूठ ,बाण ,मारण आदि तक की क्रियाएं यह लोग करते हैं ,टोन -टोटके तो बहुत आम हैं |यदि कोई ऐसा करके किसी को बीमार कर दे ,रोग दे दे ,शारीरिक समस्या दे दे तो इसका इलाज चाहे बड़े बड़े डाक्टर से ही क्यों न करवा लें लाभ नजर नहीं आता |कुछ तंत्र क्रियाएं तो व्यक्ति के हार्ट पर असर करके ठिकाने तक लगा देती हैं तो कुछ कैंसर जैसी जहरबाद रोग उत्पन्न कर देती हैं |हमने अनेक ऐसे रोगियों को देखा है जिन्हें ब्रह्म आदि भेजकर ब्रेन टी वी उत्पन्न करा दी गयी ,डाक्टर इलाज नहीं कर पाए जबकि पूजा से व्यक्ति ठीक हो गया |जिस प्रकार विष की औषधि विष से ही निकलती है उसी तरह तंत्र मंत्र की काट तंत्र मंत्र से ही संभव है |ऐसी परिस्थिति में जब कोई आप पर कुछ कर दे या करा दे तो आप कुछ प्रयोग खुद से कर सकते हैं ,यद्यपि बड़ी समस्या के लिए तो आपको अच्छे साधक की ही मदद लेनी होगी |
१. आपको लगता है की आप पर तंत्र क्रिया है और आप पर ठीक से दवा काम नहीं कर रही तो आप एक सकोरे या मिटटी के पात्र में गंगा जल भरकर प्रातः काल के समय इस गंगाजल को मन्त्र से १०८ बार अभिमंत्रित करें और पिए ,आप खुद नहीं कर सकते तो आपके परिवार का कोई व्यक्ति इसे करे |इससे कुकृत्य दूर होता है और व्यक्ति को आरोग्य प्राप्त होता है |
मंत्र - ॐ सं सां सिं सीं सु सूं सें सैं सों सौं सं सः वं वां विं वीं वुं वूं वें वैं वों वौं वं वः हँसः अमृत वर्च्चसे स्वाहा |
२. यदि आप शत्रु के अभिचार को नष्ट करना चाहते हैं ,व्यक्ति पर से हटाना चाहते हैं तो यह दूसरा प्रयोग आप कर सकते हैं |ताम्र पात्र में गंगाजल भरकर ,गंगाजल न मिल सके तो सात हैण्ड पम्प या सात कुएं के जल में तुलसी पत्र डालकर अपने हाथ में लें और भगवान् महामृत्युंजय शिव का स्मरण करते हुए इस मंत्र को सात बार पढकर जल में फूंक मारें और जल स्वयं पी लें |इस मन्त्र में मा तथा में के स्थान पर व्यक्ति स्वयम का नाम ले |
मन्त्र - मां भयात सर्वतोरक्ष श्रियं वर्धय सर्वदा | शरीरारोग्यं में देहि देव देव नमोस्तुते  |
३. यदि आपको लगता है की किसी पर या आप पर नकारात्मक ऊर्जा ,बुरी शक्ति ,भूत -प्रेत आदि का प्रभाव है तो इस मंत्र से १०८ बार गंगाजल अभिमंत्रित करके जिस किसी व्यक्ति को पिलाया जाएगा उसके शरीर से भूत -प्रेत -पिशाच ,नकारात्मक ऊर्जा ,बुरी शक्ति का प्रभाव कम होगा अथवा दूर हो जाएगा |रोग आदि का प्रभाव खत्म होगा और मानसिक स्थिति ,पागलपन ठीक होगा |  
मन्त्र - ॐ हं हाँ हिं हीं हुँ हूँ हें हैं हों हौं हं हः क्षं क्षां क्षिं क्षीं क्षुं क्षूं क्षें क्षैं क्षों क्षौ क्षं क्षः हं |
कई बार पुरानी जमीन ,मकान ,खँडहर ,घर में भूत प्रेत रहते हैं ,उस पर बहुत बड़ा मकान निर्मित करा दिया जाता है परन्तु फिर भूत -प्रेत उस मकान मालिक को और वहां रहने वालों को दुखी करते रहते हैं ,ऐसे में भी उपरोक्त मंत्र का ही प्रयोग किया जाता है |१२ अंगुल पलाश की लकड़ी की कील को उक्त मंत्र से १०००० बार अभिमंत्रित करके जिस घर में गाड़ दिया जाता है वहां से सभी प्रकार के स्थावर ,जंगम एवं कृत्रिम विष दूर हो जाते हैं तथा भूत -प्रेत ,पिशाच ,दुष्ट नर ,विषैले प्रभाव आदि की पीडाओं से मुक्ति मिल जाती है |यह प्रयोग हमारा अनुभूत है और हमने अनेक लोगों के मकानों में यह प्रयोग किया है तथा इसके परिणाम देखे हैं |
                         यह कुछ साधारण प्रयोग थे जो आप स्वयं कर सकते हैं और किये -कराये ,टोन -टोटके ,तांत्रिक अभिचार से मुक्त हो सकते हैं ,यद्यपि सारा खेल शक्ति संतुलन का होता है किन्तु यदि कोई सामान्य टोन टोटके लगातार कर रहा हो तो यह सभी प्रयोग कारगर हैं |अधिक उच्च शक्ति को कोई भेजा हो या सीधे कोई तांत्रिक in क्रियाओं में शामिल हो तब बड़ी क्रियाएं करनी होती हैं अथवा अच्छे साधक से सम्पर्क करना बेहतर होता है |हम एक और प्रयोग अपने अगले विडिओ में बताएँगे जिससे किसी भी तरह की तांत्रिक क्रिया हो उसे हटाया जा सकता है चाहे सीधे तांत्रिक हो क्यों न विरोध में हो |हमारा ब्लॉग tantricsolution.blogspot.com और हमारे वेबसाईट alaukik-shaktiya.xyz पर यह सभी प्रयोग प्रकाशित हैं पहले से जहाँ से आप इनका लिखित रूप पढ़ सकते हैं |.....................................................हर हर महादेव 

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