मुकदमे /विवाद और तंत्र शक्ति का प्रयोग
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आज के समय में विवाद ,मुकदमे ,कानूनी लड़ाई अथवा वर्चस्व की लड़ाई ,सम्पत्ति विवाद ,पारिवारिक विवाद ,आम हो गए हैं |पहले के समय में संस्कार ,बड़े -छोटो के सम्मान ,आपसी पंचायत ,विवाद से बचने और एक दुसरे के प्रति सहिष्णुता के कारण लोग विवाद अथवा मुकदमे आदि से बचने का प्रयत्न करते थे ,कभी कभी कुछ हानि पर भोग इनसे बचते थे ,पर आज की स्थिति उल्ट गयी है |छोटी -छोटी बातों पर ,छोटे -छोटे मुद्दों पर लोग कोर्ट -कचहरी चले जा रहे ,आपस में लड़ जा रहे ,मारपीट कर ले रहे |संपत्ति विवाद ,दहेज़ उत्पीडन ,पति -पत्नी विवाद ,फौजदारी ,मारपीट ,झूठे आरोप ,धोखा ,व्यापारिक विवाद ,साझेदारी के विवाद ,नौकरी आदि के विवाद मुख्यतया कानूनी लड़ाई में बदलते हैं और मुकदमे शुरू होते हैं |इनमे कितना पक्ष में निर्णय आएगा अनिश्चित होता है और सम्बंधित व्यक्ति लगातार तनावग्रस्त होने के साथ ही अपनी क्षमता योग्यतानुसार कार्य भी नहीं कर पाता ,जो हानि आदि हो रही हो वह अलग से |
कुछ मामले तो बड़े कष्टदायक होते हैं ,जबकि किसी को झूठा किसी केस -मुकदमे में फंसा दिया जाता है ,जैसे झूठा दहेज़ उत्पीडन का मुकदमा ,कोई आत्महत्या कर ले या किसी की ह्त्या हो जाए और किसी और को कोई फंसा दे या पुलिस किसी और के विरुद्ध केस बना दे ,किसी कर्मचारी को बिन गलती निलम्बित कर दिया जाए या नौकरी से हटा दिया जाए ,कोई किसी की संपत्ति हड़प ले झूठे आधार प्रस्तुत कर उसे उसके अधिकार से वंचित करे ,कोई किसी को बिना मतलब किसी मुकदमे में उलझा दे ,आदि आदि |ऐसी स्थितियों में सम्बंधित व्यक्ति बेवजह उलझ कर पीड़ित होता है |अनेक उपरोक्त मामले सामने आने पर हमें यह लेख लिखने की प्रेरणा मिली और कुछ तंत्रिकीय सुझाव देने का विचार आया जिससे मुकदमों आदि में उलझे लोगों को इससे मुक्ति मिल सके अथवा उनके मुकदमे /विवाद उनके पक्ष में हो सके |हम कारणों का विश्लेष्ण न कर सीधे उपाय और तरीके लिखते हैं क्योंकि कारण बहुत सारे हो सकते हैं जिनके लिए कई लेख कम पड़ जायेंगे |कुछ उपाय मुकदमे में विजय या अनावश्यक इस तरह के कष्ट से निकलने के निम्न हो सकते हैं |
१. सामान्यतया पारंपरिक ज्योतिषी ,कर्मकांडी ,पुरोहित आदि किसी तरह के कष्ट ,समस्या ,विपत्ति ,संकट पर चंडी पाठ ,सप्तशती ,महामृत्युंजय ,हनुमान उपासना ,रुद्राभिषेक आदि की सलाह देते हैं |यह क्रियाएं और पूजा -अनुष्ठान सकारात्मक ऊर्जा बढाती हैं ,व्यक्ति की शक्ति बढाती हैं ,संकट कम करती हैं ,हानि कम करती हैं किन्तु सीधे मुकदमे आदि विवाद से इनका कम सम्बन्ध होता है ,यद्यपि इनका प्रभाव विस्तृत होता है किन्तु समग्रता लिए होता है |यदि मुकदमे आदि के लिए इन्हें किया जाए तो संकल्प पूर्ण रुपें मुकदमे के लिए होना चाहिए ,तब यह उसी दिशा में क्रिया करेंगे |
२. मुकदमे /विवाद आदि के लिए सबसे सटीक प्रयोग बगलामुखी का प्रयोग होता है ,जो शत्रु का स्तम्भन कर देता है और विजय दिलाता है |साथ ही शत्रु स्वयं हतबुद्धि हो अपना विनाश कर लेता है |बेहतर तो यह होता है की जो व्यक्ति मुकदमे से सम्बंधित हो वह खुद बगलामुखी के मंत्र का अनुष्ठान /जप करे और बगलामुखी का यन्त्र धारण करे ,किन्तु यदि वह सक्षम नहीं है तो योग्य बगला साधक से दो तरह के यंत्र बनवाये |एक बगलामुखी का यन्त्र और दूसरा मुकदमा विजय का गदाधारी यन्त्र या हनुमान यंत्र |दोनों की अलग अलग प्राण प्रतिष्ठा कराये और फिर इन्हें बगला मंत्र से अभिमंत्रित कराये |इसके बाद दोनों को चांदी के ताबीज में प्रतिष्ठित करा धारण करे |चूंकि बगला ,विष्णु की आराध्या और ब्रह्मास्त्र शक्ति हैं और हनुमान रुद्रावतार होने के साथ विष्णु के सहायक |इस प्रकार इन शक्तियों का तालमेल एक ऐसा प्रभाव उत्पन्न करता है की व्यक्ति के पक्ष में विवाद /मुकदमे होने की संभावना बन जाती है |यदि भाग्य बिलकुल ही विपरीत न हुआ तो व्यक्ति हर प्रकार से विजयी होता जाता है |
३. मुकदमे /विवाद में विजय हेतु बगलामुखी अनुष्ठान की ही तरह भगवती काली का भी अनुष्ठान किया जा सकता है |यह भी सर्वत्र विजय दिलाती हैं बस अंतर इतना आता है की यह शत्रुता -विवाद समाप्त करने की बजाय शत्रु ही समाप्त कर सकती हैं ,क्योकि इनकी प्रकृति सम्पूर्ण विनाश और अपने भक्त की सर्वत्र हर प्रकार से विजय की होती है |काली के रूपों में दक्षिण काली ,श्मशान काली ,भद्रकाली आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकता है |इनके यंत्रों का प्रयोग एकल रूप में ही किया जाता है धारण करने के लिए |
४. भूमि /संपत्ति सम्बन्धी विवाद /मुकदमे के लिए वराह मंत्र अथवा वाराही साधना बहुत उपयोगी होता है जो स्थिर संपत्ति के लिए बहुत कारगर है |वाराही शक्ति भगवती त्रिपुरा की सहायक शक्ति है जो स्तम्भन और आकर्षण दोनों कार्य करती है |यह शत्रु को ताड़ित भी करते हैं और सम्पति पक्ष में करने में भी सहायक हैं |इनके साथ वाराही यन्त्र का धारण करना लाभ कई गुना बढ़ा देता है |वाराही के कई रूप भी होते हैं जो उद्देश्य विशेष के अनुसार पूजित हैं |
५. जब शत्रु पक्ष प्रबल हो और अधिक हानि होने की संभावना हो तब शत्रुनाशक प्रयोग में भद्रकाली के मन्त्रों का प्रयोग किया जाता है |तीव्र प्रयोगों के लिए इनके मन्त्रों के साथ सप्तशती के सम्पुट से पाठ किया जाता है अथवा दक्षिण काली के मंत्र के सम्पुट से पाठ किया जाता है |
६. मुकदमे में विजय और शत्रु संहार के लिए बगलामुखी की सहायक शक्ति ज्वालामुखी को प्रमुख स्थान तंत्र में दिया जाता है |यह देवी शत्रु का संहार करती है और अपने भक्त को अभय प्रदान करती है |इनकी आराधना के साथ इनके यन्त्र की पूजा भी होनी चाहिए |यह षट्कर्म भी सिद्ध करती हैं और विजय भी दिलाती हैं |
७. शत्रु नाश अथवा विजय के लिए जातवेद दुर्गा का भी प्रयोग किया जा सकता है |जिनका मंत्र वैदिक ऋचा मन्त्र है और यह संकटों से रक्षा करती हैं |इसी प्रकार शत्रु उच्चाटन के लिए पक्षी दुर्गा अथवा भ्रमर दुर्गा का भी प्रयोग किया जा सकता है |
८. शत्रु अथवा विवाद में विजय के लिए कालरात्रि प्रयोग भी किया जा सकता है जो शत्रु का संहार करने के साथ ही उसका सम्मोहन भी करती हैं |यह शक्ति दुर्गा की एक रूप हैं किन्तु इनका प्रयोग बगला ,प्रत्यंगिरा ,शरभराज आदि के साथ भी किया जा सकता है |शत्रुनाश के लिए चामुंडा प्रयोग भी श्रेष्ठ होता है जो काली रूप अथवा दुर्गा रूप हो सकता है |
९. शत्रुनाश और विजय के लिए रुद्रावतार क्रोध भैरव साधना /उपासना भी शीघ्र फलदायी होती है यद्यपि यह पूर्ण तंत्रोक्त साधना है जो बहुत दक्षता के साथ की जानी चाहिए |बटुक भैरव उपासना ज्ञानी के मार्गदर्शन में करने से संकटों का और शत्रु का नाश होता है |
इसके अतिरिक्त अनेक टोटके भी मुकदमों के लिए अपनाए जाते हैं ,किन्तु टोटकों की एक सीमा होती है और इनकी शक्ति निश्चित होती है |करने को तो हर मुकदमे में उलझा व्यक्ति अनेक उपाय और टोटके करता रहता है ,लाभ कितना और किसको किसको होता है व्यक्ति ही जानता है |विषयवश इन्हें भी स्थान दिया जा रहा है |
1.जब भी आप अदालत मे जायें तो किसी भी हनुमान मंदिर में धूप अगरबत्ती जलाकर, लड्डू या गुड़ चने का भोग लगाकर ,एक बार हनुमान चालीसा और बजरंग बान का पाठ करके संकटमोचन बजरंग बलि से अपने मुक्दमे से सफलता की प्रार्थना करे |निसंदेह सफलता प्राप्त होगी।
2. आप जब भी अदालत जाऍं तो गहरे रंग के कपड़े ही पहन कर जाऍ |
3.अपने अधिवक्ता को उसके काम की कोई भी वस्तु जैसै पैन गिफ्ट करें |
4.अपने कोर्ट के केस की फाइलें घर मे बने मंदिर ,धार्मिक स्थान मे रखकर ईश्वर से अपनी सफलता अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करे।
5.मुकदमे मे विजय पाने के लिये कोर्ट जाने से पहले 4 गोमती चक्र को अपनी जेब मे रखकर ,जो स्वर चल रहा हो वह पांव पहले कोर्ट मे रखे अगर स्वर सुनाई न दे रहा हो या समझ ना आ रहा हो ,.तो दाहिना पैर यानी लेफ्ट पैर आगे रखें |मुकदमे मे निर्णय आपके पक्ष मे होने की संभावना प्रबल होगी।
६. शत्रु शमन के लिए साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।
७. यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में भा देने से शत्रु, शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है |
८. जब आपका मुकदमा चल रहा हो तो आप थोड़े से चावल अपने साथ घर से ले आजायें और कोर्ट में चावल डाल दें |बेहतर हो जिस कोर्ट में मुकदमा चल रहा हो उसके आहार चावल डाल दें |ध्यान रहे की आपको चावल ले जाते और कोर्ट में बिखेरते कोई देखे नहीं ,नहं तो आपका काम नहीं बनेगा |
९. जिस दिन आपको कोर्ट कचहरी जाना हो उस दिन एक कागजी नीम्बू अपने ईष्ट को समर्पित करें फिर बलि की भावना से उसमे चारो कोनों में किसी नुकीली चीज से छिद्र करें और चारो छिद्रों में एक एक लौंग डाल दें |इस नीम्बू को आप अपने साथ ले जाएँ और वापस आने पर किसी मंदिर अथवा वृक्ष के नीचे डाल दें |
१०. यदि आपको लगता है की आप सही हैं और आपको फंसाया गया है तो लाल कनेर के फूल पीसकर उसे अपने ईष्ट को समर्पित कर उसका तिलक करके जाएँ |परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना बनेगी |
११. रविवार अथवा मंगलवार को एक मुट्ठी तिल में थोड़ी शक्कर मिलाएं तथा अपने उपर से सात बात उतारे और किसी सुनसान तिराहे पर उसे डाल दें और चुपचाप घर आकर हाथ पाँव धो लें |ध्यान दें आपको कोई ऐसा करते न देखे न टोके |तिराहे पर डालते समय ईश्वर से प्रार्त्न करें की आपके कष्ट दूर हों और आपको मुकदमे में विजय मिले |
उपरोक्त टोटकों के अतिरिक्त हजारों टोटके विभिन्न ,मार्गों ,सम्प्रदायों ,धर्मों में प्रचलित हैं ,जिनका प्रयोग लोग करते रहे हैं |..........................................................हर-हर महादेव
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आज के समय में विवाद ,मुकदमे ,कानूनी लड़ाई अथवा वर्चस्व की लड़ाई ,सम्पत्ति विवाद ,पारिवारिक विवाद ,आम हो गए हैं |पहले के समय में संस्कार ,बड़े -छोटो के सम्मान ,आपसी पंचायत ,विवाद से बचने और एक दुसरे के प्रति सहिष्णुता के कारण लोग विवाद अथवा मुकदमे आदि से बचने का प्रयत्न करते थे ,कभी कभी कुछ हानि पर भोग इनसे बचते थे ,पर आज की स्थिति उल्ट गयी है |छोटी -छोटी बातों पर ,छोटे -छोटे मुद्दों पर लोग कोर्ट -कचहरी चले जा रहे ,आपस में लड़ जा रहे ,मारपीट कर ले रहे |संपत्ति विवाद ,दहेज़ उत्पीडन ,पति -पत्नी विवाद ,फौजदारी ,मारपीट ,झूठे आरोप ,धोखा ,व्यापारिक विवाद ,साझेदारी के विवाद ,नौकरी आदि के विवाद मुख्यतया कानूनी लड़ाई में बदलते हैं और मुकदमे शुरू होते हैं |इनमे कितना पक्ष में निर्णय आएगा अनिश्चित होता है और सम्बंधित व्यक्ति लगातार तनावग्रस्त होने के साथ ही अपनी क्षमता योग्यतानुसार कार्य भी नहीं कर पाता ,जो हानि आदि हो रही हो वह अलग से |
कुछ मामले तो बड़े कष्टदायक होते हैं ,जबकि किसी को झूठा किसी केस -मुकदमे में फंसा दिया जाता है ,जैसे झूठा दहेज़ उत्पीडन का मुकदमा ,कोई आत्महत्या कर ले या किसी की ह्त्या हो जाए और किसी और को कोई फंसा दे या पुलिस किसी और के विरुद्ध केस बना दे ,किसी कर्मचारी को बिन गलती निलम्बित कर दिया जाए या नौकरी से हटा दिया जाए ,कोई किसी की संपत्ति हड़प ले झूठे आधार प्रस्तुत कर उसे उसके अधिकार से वंचित करे ,कोई किसी को बिना मतलब किसी मुकदमे में उलझा दे ,आदि आदि |ऐसी स्थितियों में सम्बंधित व्यक्ति बेवजह उलझ कर पीड़ित होता है |अनेक उपरोक्त मामले सामने आने पर हमें यह लेख लिखने की प्रेरणा मिली और कुछ तंत्रिकीय सुझाव देने का विचार आया जिससे मुकदमों आदि में उलझे लोगों को इससे मुक्ति मिल सके अथवा उनके मुकदमे /विवाद उनके पक्ष में हो सके |हम कारणों का विश्लेष्ण न कर सीधे उपाय और तरीके लिखते हैं क्योंकि कारण बहुत सारे हो सकते हैं जिनके लिए कई लेख कम पड़ जायेंगे |कुछ उपाय मुकदमे में विजय या अनावश्यक इस तरह के कष्ट से निकलने के निम्न हो सकते हैं |
१. सामान्यतया पारंपरिक ज्योतिषी ,कर्मकांडी ,पुरोहित आदि किसी तरह के कष्ट ,समस्या ,विपत्ति ,संकट पर चंडी पाठ ,सप्तशती ,महामृत्युंजय ,हनुमान उपासना ,रुद्राभिषेक आदि की सलाह देते हैं |यह क्रियाएं और पूजा -अनुष्ठान सकारात्मक ऊर्जा बढाती हैं ,व्यक्ति की शक्ति बढाती हैं ,संकट कम करती हैं ,हानि कम करती हैं किन्तु सीधे मुकदमे आदि विवाद से इनका कम सम्बन्ध होता है ,यद्यपि इनका प्रभाव विस्तृत होता है किन्तु समग्रता लिए होता है |यदि मुकदमे आदि के लिए इन्हें किया जाए तो संकल्प पूर्ण रुपें मुकदमे के लिए होना चाहिए ,तब यह उसी दिशा में क्रिया करेंगे |
२. मुकदमे /विवाद आदि के लिए सबसे सटीक प्रयोग बगलामुखी का प्रयोग होता है ,जो शत्रु का स्तम्भन कर देता है और विजय दिलाता है |साथ ही शत्रु स्वयं हतबुद्धि हो अपना विनाश कर लेता है |बेहतर तो यह होता है की जो व्यक्ति मुकदमे से सम्बंधित हो वह खुद बगलामुखी के मंत्र का अनुष्ठान /जप करे और बगलामुखी का यन्त्र धारण करे ,किन्तु यदि वह सक्षम नहीं है तो योग्य बगला साधक से दो तरह के यंत्र बनवाये |एक बगलामुखी का यन्त्र और दूसरा मुकदमा विजय का गदाधारी यन्त्र या हनुमान यंत्र |दोनों की अलग अलग प्राण प्रतिष्ठा कराये और फिर इन्हें बगला मंत्र से अभिमंत्रित कराये |इसके बाद दोनों को चांदी के ताबीज में प्रतिष्ठित करा धारण करे |चूंकि बगला ,विष्णु की आराध्या और ब्रह्मास्त्र शक्ति हैं और हनुमान रुद्रावतार होने के साथ विष्णु के सहायक |इस प्रकार इन शक्तियों का तालमेल एक ऐसा प्रभाव उत्पन्न करता है की व्यक्ति के पक्ष में विवाद /मुकदमे होने की संभावना बन जाती है |यदि भाग्य बिलकुल ही विपरीत न हुआ तो व्यक्ति हर प्रकार से विजयी होता जाता है |
३. मुकदमे /विवाद में विजय हेतु बगलामुखी अनुष्ठान की ही तरह भगवती काली का भी अनुष्ठान किया जा सकता है |यह भी सर्वत्र विजय दिलाती हैं बस अंतर इतना आता है की यह शत्रुता -विवाद समाप्त करने की बजाय शत्रु ही समाप्त कर सकती हैं ,क्योकि इनकी प्रकृति सम्पूर्ण विनाश और अपने भक्त की सर्वत्र हर प्रकार से विजय की होती है |काली के रूपों में दक्षिण काली ,श्मशान काली ,भद्रकाली आदि का प्रयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकता है |इनके यंत्रों का प्रयोग एकल रूप में ही किया जाता है धारण करने के लिए |
४. भूमि /संपत्ति सम्बन्धी विवाद /मुकदमे के लिए वराह मंत्र अथवा वाराही साधना बहुत उपयोगी होता है जो स्थिर संपत्ति के लिए बहुत कारगर है |वाराही शक्ति भगवती त्रिपुरा की सहायक शक्ति है जो स्तम्भन और आकर्षण दोनों कार्य करती है |यह शत्रु को ताड़ित भी करते हैं और सम्पति पक्ष में करने में भी सहायक हैं |इनके साथ वाराही यन्त्र का धारण करना लाभ कई गुना बढ़ा देता है |वाराही के कई रूप भी होते हैं जो उद्देश्य विशेष के अनुसार पूजित हैं |
५. जब शत्रु पक्ष प्रबल हो और अधिक हानि होने की संभावना हो तब शत्रुनाशक प्रयोग में भद्रकाली के मन्त्रों का प्रयोग किया जाता है |तीव्र प्रयोगों के लिए इनके मन्त्रों के साथ सप्तशती के सम्पुट से पाठ किया जाता है अथवा दक्षिण काली के मंत्र के सम्पुट से पाठ किया जाता है |
६. मुकदमे में विजय और शत्रु संहार के लिए बगलामुखी की सहायक शक्ति ज्वालामुखी को प्रमुख स्थान तंत्र में दिया जाता है |यह देवी शत्रु का संहार करती है और अपने भक्त को अभय प्रदान करती है |इनकी आराधना के साथ इनके यन्त्र की पूजा भी होनी चाहिए |यह षट्कर्म भी सिद्ध करती हैं और विजय भी दिलाती हैं |
७. शत्रु नाश अथवा विजय के लिए जातवेद दुर्गा का भी प्रयोग किया जा सकता है |जिनका मंत्र वैदिक ऋचा मन्त्र है और यह संकटों से रक्षा करती हैं |इसी प्रकार शत्रु उच्चाटन के लिए पक्षी दुर्गा अथवा भ्रमर दुर्गा का भी प्रयोग किया जा सकता है |
८. शत्रु अथवा विवाद में विजय के लिए कालरात्रि प्रयोग भी किया जा सकता है जो शत्रु का संहार करने के साथ ही उसका सम्मोहन भी करती हैं |यह शक्ति दुर्गा की एक रूप हैं किन्तु इनका प्रयोग बगला ,प्रत्यंगिरा ,शरभराज आदि के साथ भी किया जा सकता है |शत्रुनाश के लिए चामुंडा प्रयोग भी श्रेष्ठ होता है जो काली रूप अथवा दुर्गा रूप हो सकता है |
९. शत्रुनाश और विजय के लिए रुद्रावतार क्रोध भैरव साधना /उपासना भी शीघ्र फलदायी होती है यद्यपि यह पूर्ण तंत्रोक्त साधना है जो बहुत दक्षता के साथ की जानी चाहिए |बटुक भैरव उपासना ज्ञानी के मार्गदर्शन में करने से संकटों का और शत्रु का नाश होता है |
इसके अतिरिक्त अनेक टोटके भी मुकदमों के लिए अपनाए जाते हैं ,किन्तु टोटकों की एक सीमा होती है और इनकी शक्ति निश्चित होती है |करने को तो हर मुकदमे में उलझा व्यक्ति अनेक उपाय और टोटके करता रहता है ,लाभ कितना और किसको किसको होता है व्यक्ति ही जानता है |विषयवश इन्हें भी स्थान दिया जा रहा है |
1.जब भी आप अदालत मे जायें तो किसी भी हनुमान मंदिर में धूप अगरबत्ती जलाकर, लड्डू या गुड़ चने का भोग लगाकर ,एक बार हनुमान चालीसा और बजरंग बान का पाठ करके संकटमोचन बजरंग बलि से अपने मुक्दमे से सफलता की प्रार्थना करे |निसंदेह सफलता प्राप्त होगी।
2. आप जब भी अदालत जाऍं तो गहरे रंग के कपड़े ही पहन कर जाऍ |
3.अपने अधिवक्ता को उसके काम की कोई भी वस्तु जैसै पैन गिफ्ट करें |
4.अपने कोर्ट के केस की फाइलें घर मे बने मंदिर ,धार्मिक स्थान मे रखकर ईश्वर से अपनी सफलता अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करे।
5.मुकदमे मे विजय पाने के लिये कोर्ट जाने से पहले 4 गोमती चक्र को अपनी जेब मे रखकर ,जो स्वर चल रहा हो वह पांव पहले कोर्ट मे रखे अगर स्वर सुनाई न दे रहा हो या समझ ना आ रहा हो ,.तो दाहिना पैर यानी लेफ्ट पैर आगे रखें |मुकदमे मे निर्णय आपके पक्ष मे होने की संभावना प्रबल होगी।
६. शत्रु शमन के लिए साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।
७. यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में भा देने से शत्रु, शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है |
८. जब आपका मुकदमा चल रहा हो तो आप थोड़े से चावल अपने साथ घर से ले आजायें और कोर्ट में चावल डाल दें |बेहतर हो जिस कोर्ट में मुकदमा चल रहा हो उसके आहार चावल डाल दें |ध्यान रहे की आपको चावल ले जाते और कोर्ट में बिखेरते कोई देखे नहीं ,नहं तो आपका काम नहीं बनेगा |
९. जिस दिन आपको कोर्ट कचहरी जाना हो उस दिन एक कागजी नीम्बू अपने ईष्ट को समर्पित करें फिर बलि की भावना से उसमे चारो कोनों में किसी नुकीली चीज से छिद्र करें और चारो छिद्रों में एक एक लौंग डाल दें |इस नीम्बू को आप अपने साथ ले जाएँ और वापस आने पर किसी मंदिर अथवा वृक्ष के नीचे डाल दें |
१०. यदि आपको लगता है की आप सही हैं और आपको फंसाया गया है तो लाल कनेर के फूल पीसकर उसे अपने ईष्ट को समर्पित कर उसका तिलक करके जाएँ |परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना बनेगी |
११. रविवार अथवा मंगलवार को एक मुट्ठी तिल में थोड़ी शक्कर मिलाएं तथा अपने उपर से सात बात उतारे और किसी सुनसान तिराहे पर उसे डाल दें और चुपचाप घर आकर हाथ पाँव धो लें |ध्यान दें आपको कोई ऐसा करते न देखे न टोके |तिराहे पर डालते समय ईश्वर से प्रार्त्न करें की आपके कष्ट दूर हों और आपको मुकदमे में विजय मिले |
उपरोक्त टोटकों के अतिरिक्त हजारों टोटके विभिन्न ,मार्गों ,सम्प्रदायों ,धर्मों में प्रचलित हैं ,जिनका प्रयोग लोग करते रहे हैं |..........................................................हर-हर महादेव
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