Tuesday, 14 April 2020

शिव उपासना में कौन से पत्र -पुष्प चढ़ाएं ?

शिव उपासना में विहित और क्रमशः प्रभावी पत्र -पुष्प
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 शिव की उपासना में बिल्वपत्र का चढ़ावा बहुत ही शुभ और पुण्य देने वाला होता है। शिवपुराण के मुताबिक भी बिल्वपत्र का शिव को चढ़ावा जन्म-जन्मान्तर के पाप और दोषों का नाश करता है। किंतु शास्त्रों के मुताबिक  फूल-पत्तों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनको शिव पूजा में चढ़ाना बिल्वपत्र से भी ज्यादा पुण्य और फल देने वाला माना गया है। अमंगल को दूर रखने वाला यह पेड़ हैं- शमी वृक्ष।
- शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजा में एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।
- इसी तरह एक हजार आंकड़े के फूल के बराबर शुभ फल एक कनेर का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से मिल जाते हैं।
- एक हजार कनेर के फूल के बराबर एक बिल्वपत्र फल देता है।
- हजार बिल्वपत्रों के बराबर एक द्रोण या गूमा फूल फलदायी होता है।
- हजार गूमा के बराबर शुभ फल एक चिचिड़ा चढ़ाने से ही मिल जाता है।
- हजार चिचिड़ा के बराबर शुभ फल एक कुश का फूल चढ़ाने मिल जाता है।
- हजार कुश फूलों के बराबर फल एक शमी का पत्ता ही दे देता है।
- हजार शमी के पत्तो के बराबर शुभ फल एक नीलकमल देता है।
- हजार नीलकमल से ज्यादा एक धतूरा और,
- हजार धतूरों से भी ज्यादा एक शमी का फूल शुभ और पुण्य देने वाला बताया गया है।
इस तरह शमी का फूल शिव को चढ़ाना शिव भक्ति से तमाम मनचाही कामनाओं को पाने का सबसे श्रेष्ठ उपाय है।
हर दिन व तिथि पर खास तौर पर सवेरे शिवालय में तांबे के कलश में गंगाजल या पवित्र जल में गंगाजल, अक्षत, सफेद चंदन मिलाकर शिवलिंग पर 'ॐ नम: शिवाय' यह मंत्र बोलते हुए अर्पित करें।
- जल अर्पण के बाद शिव की अक्षत, रौली, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ व घी की मिठाई के साथ खासतौर पर
शमी पत्र नीचे लिखे मंत्र बोल यश, धन व जाने-अनजाने पापों के नाश की कामना करते हुए चढ़ाएं-
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
- जल अर्पण, पूजा व शमी पत्र चढ़ावे के बाद शिव की धूप, दीप व कर्पूर आरती कर प्रसाद ग्रहण करें। ................................................................हर-हर महादेव 

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