Thursday 27 February 2020

आधार वाक्य प्रेरणा /उन्नति /सफलता देता है

जीवन के लिए आधार वाक्य जरुर बनाएं
============================
प्राचीन यूनान के जमाने से दार्शनिक और तर्क शास्त्रियों ने सिलोजिज्म नामक तर्क का अध्ययन किया है |सिलोजिज्म में मष्तिष्क व्यावहारिक रूप में तर्क करता है |इसका मतलब यह है की आपका चेतन मन जिस प्रमुख आधार वाक्य को सही मानता है ,उसी से यह निष्कर्ष तय होता है ,जिस पर आपका अवचेतन मन पहुचेगा |इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है की वह सवाल या समस्या कौन सि है |अगर आधार वाक्य सही है तो निष्कर्ष अवश्य सही होगा |उदाहरण के लिए -
हर गुण प्रशंसनीय है
दयालुता एक गुण है ,इसलिए दयालुता प्रशंशनीय है |
या यह
सभी निर्मित चीजें बदलती और ख़त्म होती हैं |
मिश्र के पिरामिड निर्मित चीजें हैं ,इसलिए पिरामिड बदलेंगे और ख़त्म होंगे |
पहले वाक्य को प्रमुख आधार वाक्य कहा जाता है और सही आधार वाक्य से सही निष्कर्ष निकलते हैं |आधार वाक्य की कार्य प्रणाली अवचेतन की असीमित शक्ति पर कार्य करती है |यह वाही रास्ते निकालता है जो आप उसमे भरते हैं चेतन मन द्वारा |अपनी इच्छाओं को साकार करने और कुंठा से उबरने के लिए दिन में कई बार द्रिघ्ता से कहें ---- असीमित बुद्धिमत्ता ने मुझे यह मनोकामना दि है और यही मुझे इसे साकार करने की आदर्श योजना की राह दिखाती है ,उस ओर ले जाती है और आवश्यक बातें बताती है |में जानता हूँ की मेरे अवचेतन की अधिक गहरी समझ अब प्रतिक्रिया कर रही है और में जो महसूस करता हूँ तथा जिस पर मन में दावा करता हूँ ,वह बाहर व्यक्त होती है |संतुलन और सद्बुद्धि हर ओर है |
दूसरी तरफ अगर आप कहते हैं -- अब कोई रास्ता नहीं बचा है ,अब सारा खेल ख़त्म हो गया ,इस उलझन से बाहर निकलने का कोई तरीका नहीं ,में बाधित और अवरुद्ध हूँ ,,,तो आपको आपके अवचेतन मन से कोई जबाब या प्रतिक्रिया नहीं मिलेगी |अगर आप चाहते हैं की आपका अवचेतन आपके लिए काम करे तो ,इसका सहयोग पाने के लिए इससे आग्रह करना होगा |यह आपके लिए हमेशा काम कर रहा है |आपके अवचेतन के पास अपनी बुद्धि है लेकिन यह आपके विचारों और छवियों के पैटर्न को स्वीकार कर लेता है |जब आप इसमें समस्या का जबाब तलाशते हैं तो आपका वाचेतन प्रतिक्रया करेगा और यह आपसे उम्मीद करेगा की आप अपने चेतन मन में किसी सच्चे निर्णय या फैसले पर पहुच जाएँ |आपको यह मानना होगा की आपके अवचेतन मन के पास जबाब है |अगर आप कहते हैं ,,,मुझे नहीं मालूम की कोई रास्ता है या नहीं ,में पूरी दुविधा और उलझन में हूँ ,मुझे जबाब क्यों नहीं मिलता ?,,,तो आप अपनी प्रार्थना को नकार रहे हैं |समय काटते सैनिक की तरह आप ऊर्जा का प्रयोग तो करते हैं ,लेकिन आगे नहीं बढ़ते हैं |
अपने मष्तिष्क के पहियों को विराम दें |आराम से बैठ जाएँ ,शिथिल हो जाएँ ,,शान्ति से कहें ---- मेरा अवचेतन मन जबाब जानता है |यह इस समय भी प्रतिक्रया कर रहा है |में धन्यवाद देता हूँ ,क्योकि में जानता हूँ की मेरे अवचेतन की असीमित बुद्धिमत्ता साड़ी बातें जानती है और मुझे इस वक्त आदर्श जबाब दे रही है |मेरा सच्चा विश्वास मेरे अवचेतन मन की बुद्धिमत्ता और ज्ञान को मुक्त कर रहा है |मुझे ख़ुशी है की ऐसा हो रहा है |याद रखिये अच्छा सोचेंगे अच्छा होगा ,बुरा और नकारात्मक सोचेंगे बुरा होगा |आपका अवचेतन मन आपके साथ बहस नहीं करता |यह चेतन मन के आदेश को चुपचाप मान लेता है |
जब आप एक आधार वाक्य अपने लिए चुन लेते हैं और बार बार उसे दोहराते हैं ,तो यह अवचेतन में स्थायी हो जाता है और अवचेतन उसे सही मान लेता है |दुनिया कुछ भी कहती रहे पर अवचेतन उसे ही सही मानता है |भारतीय महर्षियों ने अवचेतन की इसी शक्ति को बहुत पहले जान लिया था |वह समझ गए थे की सब कुछ व्यक्ति ही करता है ,उर्जायें तो मात्र माध्यम होती हैं |इसीलिए उन्होंने खुद मनुष्य को ईश्वर बनाने की बात कही |व्यक्ति में असीमित शक्ति होती है |अगर आप आधार वाक्य बनाते हैं की -- दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं,,  तो आपका वाचेतन इसे सच मान लेगा |परिस्थितियां कुछ भी बन जाएँ पर अवचेतन हमेशा कहेगा दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं |इससे होगा यह की हमेशा अन्दर से आशा और उत्साह की आवाज आएगी की दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं |
आपका अवचेतन किसी भी परिस्थिति में आपको हार मानने नहीं देगा और आपका मष्तिष्क हमेशा हल खोजने की ओर दौडाता रहेगा और उसे संयत रखेगा ,हताश नहीं होने देगा |इसमें संचित जीवन भर की सूचनाओं का विश्ह्लेषण करेगा ,अगर हल मिल गया तो ठीक नहीं मिला तो यह कई दिनों तक हल खोजता रहेगा ,यहाँ तक की पूर्व जन्मों तक भी इसका जाना असंभव नहीं |यह अनेक लोकों की यात्रा करेगा ,पूर्व समय और सूचनाओं का विश्लेष्ण करेगा और सलाह सुझाता रहेगा |अंततः कोई न कोई रास्ता निकाल ही देगा |आत्मबल तो हमेशा बनाये ही रहेगा ,संघर्ष की शक्ति देता रहेगा |इसलिए हर सफल व्यक्ति अपने लिए आधार वाक्य जरुर चुने होता है |यही उसकी सफलता का राज होता है |"" भीड़ का हिस्सा मत बनो "" एक आदर्श आधार वाक्य है जो कुछ नया हमेशा करने की प्रेरणा देता है और आपको अलग करने को प्रेरित करता रहता है |यह मेरा आधार वाक्य है ,जिससे हमेशा मुझे कुछ नया खोजने की प्रेरणा मिलती है |लकीर पीटना और आंखमूंदकर कोई बात मान लेना मेरे बस का नहीं |यही मेरी tantra और पारलौकिक खोजों का आधार और प्रेरणा है |.................................................................................हर-हर महादेव 

No comments:

Post a Comment

महाशंख  

                      महाशंख के विषय में समस्त प्रभावशाली तथ्य केवल कुछ शाक्त ही जानते हैं |इसके अलावा सभी लोग tantra में शंख का प्रयोग इसी...