Thursday, 27 February 2020

अपना इलाज आप खुद कर सकते हैं

आप अपना उपचार खुद कर सकते हैं
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उपचार का नाम आते ही डाक्टर का चेहरा सामान्यतया उभरता है यादों में ,पर क्या वास्तव में डाक्टर ही उपचार करता है |अगर ध्यान से देखें तो उपचार हमारा खुद का शरीर ही करता है ,हमारी प्रातिरोध्क क्षमता उपचार करती है और इनमे उत्प्रेरक का कार्य अथवा समस्या विशेष की सुरक्षा का कार्य दवाएं करती है ,डाक्टर तो माध्यम है उन उपचार के अवयवों को संयोजित करने का |अगर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाए तो उपचार मुश्किल हो जाता है |अर्थात उपचार हमारा खुद का शरीर करता है |शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को हम उपचारक के रूप में जानते हैं ,लेकिन यह कैसे उत्पन्न होती है ,कहाँ इसका मूल स्रोत होता है ,इसका जबाब विज्ञानं अलग ढंग से देता है |वह भौतिक प्रामानों के अनुसार जबाब देता है ,किन्तु वास्तव में भौतिक प्रमाण भी कहाँ से उत्पन्न होता है ,इसका जबाब विज्ञान भी नहीं दे पाता |वास्तव में उपचारक शक्ति मनुष्य के अवचेतन मन में निवास करती है और रोगी के बदले हुए मानसिक नजरिये से वह सक्रीय होती है |बदलते नजरिये के अनुसार यह बदलती भी है |बदलते नजरिये के साथ इसकी शक्ति भी बदलती है |देखते हैं हम इसके प्रमाण -
किसी भी मानसिक या धार्मिक -मनोवैज्ञानिक उपचारक ,मनोवैज्ञानिक ,मनोविश्लेषक या डाक्टर ने कभी किसी मरीज को ठीक नहीं किया है |एक पुरानी कहावत है ""डाक्टर घाव पर पट्टी बांधता है ,इश्वर उसे ठीक करता है "" |वास्तव में यह ईश्वर आपका अवचेतन और आतंरिक शक्ति होता है | मनोवैज्ञानिक या मनोविश्लेषक मरीज के मानसिक अवरोध हटाकर प्रभावी परिवर्तन लाता है ,ताकि उअपचारक सिद्धांत सक्रीय हो सके और रोगी दोबारा स्वस्थ हो सके |इसी तरह सर्जन शारीरिक अवरोध हटाता है ताकि उपचारक प्रवाह सामान्य ढंग से काम कर सके |कोई भी डाक्टर या सर्जन या मानसिक -विज्ञानं का प्रयोग करने वाला पूरी तरह से यह दावा नहीं कर सकता की उसने मरीज को ठीक कर दिया |डाक्टर भी फेल होने के भय से या हताश होने पर कहते हैं अब तो भगवान का ही सहारा है |सीधा सा मतलब विज्ञानं यह दावा नहीं कर सकता की वह सबको पूरी तरह से ठीक कर सकता है |उपचारक शक्ति एक ही है ,हालांकि इसे अलग अलग नामों से पुकारा जाता है - प्रकृति ,ईश्वर ,जीवन ,रचनात्मक ज्ञान आदि ,लेकिन वास्तव में ये सभी अवचेतन शक्ति की ओर इशारा करने के भिन्न -भिन्न तरीके हैं |
यदि हम खुद चाहें तो हम स्वयं में मौजूद उपचारक जीवन -सिद्धांत के प्रवाह के मानसिक ,भावनातमक और शारीरिक अवरोधों को कई तरीकों से हटा सकते हैं |आपके अवचेतन मन में रहने वाला यह उपचारक सिद्धांत आपको सभी मानसिक तथा शारीरिक रोगों से मुक्त कर सकता है और करेगा ,बशर्ते आप या कोई दूसरा व्यक्ति इसे सही दिशा दे |यह उपचारक सिद्धांत सभी लोगों में काम करता है ,भले ही उनका पंथ ,रंग या जाती कोई भी हो |इसका प्रयोग करने और इस उपचारक प्रक्रिया का लाभ लेने के लिए आपको किसी विशेष ,मंदिर ,पंथ या समुदाय का सदस्य बनने की जरुरत नहीं |आपका अवचेतन आपके हाथ के जले हुए या कटे हुए हिस्से को ठीक कर देगा ,भले ही आप नास्तिक या संशयवादी हों |
आधुनिक चिकित्सा विज्ञानं इस सच्चाई को जानता और मानता है की जैसी आपकी आस्था होगी ,आपके अवचेतन मन की प्रतिक्रिया भी वैसी होगी |मानसिक विज्ञानं का प्रयोग करने वाले या धर्म विशेषज्ञ अपने धार्मिक ग्रन्थ के आदेश आ आलं करते हैं जो अधिकतर अवचेतन की शक्ति को ही कहीं न कहीं से लक्ष्य कर रहा होता है |जब यह किसी विषय पर खुद को केन्द्रित करते हैं तो नाम को तो यह अपने ईश्वर या शक्ति को याद करते हैं किन्तु प्रक्रिया सबमे लगभग सामान हो जाती है ,अंतर केवल नाम और धर्म का रह जाता है |ये एकांत में होकर मष्तिष्क को स्थिर कर लेते हैं |यह याद करते हैं अपने अपने ईष्ट को और उनकी शक्तियों को जो की लगभग सबमे कमोवेश समस्या विशेष के लिए समान हो जाती है ,अलग धर्म होने पर भी |ये अपने भीतर उस शक्ति को महसूस कर अपने मष्तिष्क का द्वार सभी बाहरी व्यवधानों तथा वस्तुओं के लिए बंद कर लेते हैं |फिर वे अपना आग्रह या इच्छा अपने ईष्ट को इस विश्वास के साथ बताते हैं की वह ईष्ट उन्हें सही जबाब देगा |वास्तव में नाम ईष्ट का होता है किन्तु यहाँ सम्पूर्ण प्रक्रिया अवचेतन पर चलती है |वह अपना आग्रह या इच्छा अपने अवचेतन मन को इस विश्वास के साथ बताते हैं की उनके मष्तिष्क का ज्ञान उन्हें सही जबाब देगा |
सबसे अद्भुत विशेषता अवचेतन की यह है की इच्छित परिणाम की कल्पना करें और इसकी वास्तविकता को महसूस करें ,जीवन का शास्वत सिद्धांत आपके चेतन चुनाव और आपके चेतन आग्रह पर  प्रतिक्रया करेगा ,क्योकि क्रिया की प्रतिक्रिया प्रकृति का नियम है |विश्वास रखें की आपको मिल गया है और आपको मिल जाएगा |प्रार्थना चिकित्सा का प्रयोग करते समय आधुनिक मानसिक चिकित्सक या वैज्ञानिक यही काम करता है |धर्म विशेषज्ञ यही काम करता है |आपका विश्वास उनपर होता है और यह आपको विश्वास दिलाते हैं की आप मान लो आपको मिल या ,ईश्वर चाहे तो सब मिल सकता है |आप मान लेते हो इश्वर के नाम पर या किसी अन्य माध्यम के नाम पर |बस आपके अवचेतन की क्रिया शुरू हो जाती है और यह उस दिशा में काम करने लगता है स्वयं ईश्वर की तरह |.................................................................हर -हर महादेव

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