Thursday 27 February 2020

सलाह /सुझाव आंख मूंदकर न मानें

एक सुझाव किसी का जीवन नष्ट अथवा समाप्त कर सकता है
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सुझाव अथवा सलाह एक सार्वभौम हक़ लोगों को लगता है |जिसे देखो दुसरे को सलाह देता नजर आता है |भले दुसरे की परिस्थिति न जानता हो ,समस्या न समझता हो ,क्षमता न देखता हो कितु हर कोई सलाह बिन मागे दे देता है |कभी भी यह नहीं सोचता की उसकी सलाह का परिणाम क्या हो सकता है |यह तो समाज और लोगों की बात है ,जहाँ बिन मांगे सलाह मिलते रहते हैं ,यद्यपि इन पर कुछ कम लोग ध्यान देते हैं |स्थिति तब विषम हो जाती है जब कोई खुद किसी से सलाह लेने गया हो और सलाह देने वाला ऐसी सलाह दे दे की उसकी हिम्मत टूट जाए और इतना गहरे अवचेतन बैठ जाए की उसका जीवन नष्ट हो जाए अथवा समाप्त ही हो जाए |
इस तरह की सलाह आजकल आधुनिक ज्योतिषी और पंडित ,आपके हमारे घर वाले ,रिश्तेदार तथा तथाकथित तांत्रिक देते हैं की व्यक्ति सुधरने की बजाय नष्ट हो जाए और उसकी स्थिति और बिगड़ जाए |यह अपने छोटे से स्वार्थ में इतना बड़ा अहित कर देते हैं की व्यक्ति की समस्या नहीं ,व्यक्ति ही समाप्त हो जाता है |इन्हें मनोविज्ञान की तो समझ होती नहीं ,न इनके लिए व्यक्ति कोई महत्त्व रखता है |इन्हें तो बस अपने स्वार्थ से मतलब होता है ,जिसका आधार इनका अधकचरा ज्ञान होता है |पारंपरिक रूप से देखें तो ज्योतिषी-तांत्रिक-पंडित आदि के एक निश्चित संस्कार बनाए गए हैं किन्तु आज उन्हें जानने वाला ही कम है मानने और अमल करने वाला तो दुर्लभ है |ज्योतिष अथवा कोई भी शास्त्र स्पष्ट बताने से मन करता है ,संदेह व्यक्त करना की ऐसा हो सकता है ,एक आदर्श भाषा रही है ,किन्तु आज सीधे बोला जाता है |इतना ही नहीं ऐसी बातों से भी डरा दिया जाता है जिसके लिए व्यक्ति गया ही नहीं अथवा जिसका कोई लेना देना ही नहीं |डर और भय उत्पन्न करने के लिए आजकल ऐसे ऐसे योगों -दोषों को बताया जाता है ,जैसे यह पहले थे ही नहीं और उपाय न किये गए तो सबकुछ समाप्त हो जाएगा |ज्योतिषी जाते ही ग्रह ,कालसर्प, मांगलिक आदि ऐसे बताएगा जैसे अब सब समाप्त होने वाला है |
तांत्रिक भूत-प्रेत-अभिचार तुरंत बतायेगा ,भले वह हो या न हो |व्यक्ति तो पहले से परेशान ,एक भय नया उत्पन्न हो गया ,तीसरा पैसे भी ले लिए गए |अब वह इतना टूट जाता है की जो है उससे भी हाथ धोने लगता है |ऐसा सभी उन जगहों पर होता है जहाँ कोई किसी से सलाह लेने जाए |सलाह देने वाला अपना स्वार्थ देखने लगता है |व्यक्ति का लाभ बहुत ही कम देखते हैं |एक उदाहरण निम्न प्रकार है -
हमारे एक दूर के रिश्तेदार ने एक मशहूर भविष्यवक्ता से अपना भविष्य पूछा [[चूंकि घर की मूली घास बराबर लगती है ,इसलिए उन्होंने हमारी बात न मानी ]]|उस मशहूर ज्योतिषी ने उसे बताया की उसका दिल बहुत कमजोर है ,उसका मन बहुत विचलित है ,मारकेश आने वाला है ,ग्रह स्थितियां विपरीत हैं और अगली अमावस्या को वह मर जाएगा |वह रिश्तेदार स्तब्ध रह गया |वह गया था पारिवारिक समस्या के निवारण का उपाय पूछने ,पर बताया ऐसा गया की उसके होश गम हो गए |उसने अपने परिवार के हर व्यक्ति को भविष्यवाणी बताई |उसने अपने वकील से मिलकर वसीयत ठीक करवा ली |जब मैंने उसका विश्वास डिगाने की कोशिस की ,तो उसने मुझे बताया की उस भविष्यवक्ता में अद्भुत पारलौकिक शक्तियां हैं |यह भविष्यवक्ता लोगों का बहुत भला या बुरा कर सकती/सकता है |उसे भविष्यवाणी की सच्चाई पर पूरा भरोसा है | जब अमावस्या करीब आने लगी ,तो वह खोया खोया रहने लगा |एक महीने पहले वह आदमी खुश ,स्वस्थ ,उत्साही और जोशीला था |अब वह बीमार दिखने लगा |भय के कारण अमावस्या आने आते  ब्लड प्रेशर बढ़ गया ,डिप्रेसन ,घबराहट बढ़ गयी |अमावस्या को सोचकर की आज में मर जाऊँगा उसे बहुत बुरा हार्ट अटैक आ गया और वह सचमुच मर गया |हालांकि उसे पता ही नहीं था की अपनी मौत का कारण एक सुझाव और वह खुद था |ऐसा इसलिए हुआ की वह खुले मन और दिमाग से अपनी भलाई के लिए सलाह लेने गया था ,इसलिए सलाह ने उसके अवचेतन के गहरे तुरंत प्रवेश कर लिया और अवचेतन ने उसे सही मान लिया |सही मानकर अवचेतन ने उस दिशा में काम शुरू कर दिया की सचमुच वह मरने वाला है |
हममे से कितनो ने ही इस तरह की कहानियाँ सुनी हैं और यह सोचकर थोड़े काँपे हैं की यह दुनिया रहस्यमई अनियंत्रित शक्तियों से भरी पड़ी है ? हाँ दुनिया शक्तियों से भरी पड़ी है ,लेकिन वे न तो रहस्यमय हैं और न ही अनियंत्रित |रिश्तेदार ने खुद अपनी जान ले ली ,क्योकि उसने एक शसक्त सुझाव को अपने अवचेतन मन में दाखिल होने दिया |उसे भविष्यवक्ता की शक्तियों पर भरोसा था ,इसलिए उसने उसकी भविष्यवाणी को पूरा स्वीकार कर लिया |आइये अवचेतन मन की कार्यविधि के आधार पर इस घटना को देखें |व्यक्ति का चेतन या तार्किक मन जिस बात पर यकीं करता है ,अवचेतन उसे स्वीअकार लेता है और उसके अनुरूप कार्य करता है |रिश्तेदार जब भविष्यवक्ता के पास गया तो वह सुझाव ग्रहण करने की मनोदशा में था |भविष्यवक्ता ने उसे एक नकारात्मक सुझाव दिया ,जिसे उसने सच मान लिया [भले वह गलत सुझाव स्वार्थ वश दिया गया हो ],वह दहशत में आ गया |उसे पूरा विश्वास था अगली अमावस्या को वह मरने वाला है |उसने इसके बारे में सबको बता दिया और अपनी मौत की तैयारी करने लगा |मौत के बारे में उसके डर और आशंका को उसके अवचेतन मन ने सही मान लिया और ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की की हार्ट अटैक आ जाए |इस प्रकार अवचेतन ने उसे हकीकत में बदल दिया |
जिस भविष्यवक्ता ने मौत की भविष्यवाणी की उसकी शक्ति बहुत अधिक नहीं थी किन्तु भ्रम फैला रखा था |उसके सुझाव में जान लेने की शक्ति नहीं थी |अगर वह आदमी मन के नियमों को जानता ,तो वह इस नकारात्मक सुझाव को पूरी तरह अस्वीकार कर देता और भविष्यवक्ता के शब्दों पर जरा भी ध्यान न देता |अगर वह जानता की वह अपने ही विचारों और भावनाओं द्वारा नियंत्रित है तो वह जिन्दा रह सकता था |तब भविष्यवक्ता की भविष्यवाणी बख्तरबंद टैंक पर फेकी गयी रबर की गेंद जैसी होती |किन्तु जागरूकता और समझ की कमी के कारण उसने अपनी मौत को खुद ही बुला लिया |
यह एक उदाहरण मात्र है |ऐसा हमारे समाज में आसपास रोज होता है ,|लोग सलाह देते समय नहीं सोचते की इसका अगले पर क्या प्रभाव होगा |अपने स्वार्थ के लिए ऐसी सलाहें दी जाती हैं की व्यक्ति टूट जाए ,नष्ट हो जाए ,मर जाए अथवा अलग विपत्ति में पद जाए |किसी को भूत की सलाह दे दीजिये झूठा |अब वह भ्रम में हो जाएगा |मन में बैठ गया तो हर जगह डरेगा |डरेगा तो मन कमजोर होगा ,मानसिक बल का ह्रास होगा और डर उसे किसी भी समय निश्चिन्त नहीं रहने देगा |फलतः चिंता -भय बढने से स्वास्थय खराब होगा और व्यक्ति की असफलता शुरू और कार्यप्रणाली छिन्न भिन्न |उसे तो फिर बादलों और वृक्षों के आकार में भी भूत दिखने लगेंगे |इसी तरह कोई सुझाव किसी को गंभीरता से दे दीजिये की आप में अमुक कमी है ,तर्क से साबित कर दीजिये ,व्यक्ति स्वीकार कर ले तो उसमे कमी न भी हो तो कुछ दिन में उत्पन्न हो जायेगी |
याद रखिये दूसरों के सुझावों में कोई शक्ति नहीं होती |आप अपने विचारों द्वारा उन्हें शक्ति देते हैं |आपको अपनी मानसिक सहमति देनी होती है |आपको उस विचार को स्वीकार करना होता है |तब वह विचार आपका बन जाता है और आपका वाचेतन उसे साकार करने के लिए काम करता है |याद रखें आपके पास चुनने की क्षमता है ,जिंदगी चुनें ,मौत चुनें ,प्रेम चुनें ,नफ़रत चुनें ,सेहत चुनें या दुःख |आप कभी किसी की सलाह सुझाव को आख मूदकर न माने |समझें ,तर्क की कसौटी पर परखें |नकारात्मक सुझावों का अधिक विश्लेषण करें की कहीं यह किसी स्वार्थवश तो नहीं दिया गया |आधुनिक सुझाव दाताओं से सावधान रहें और समझें |यह आपको और पतन के रास्ते पर ले जा सकता है |...........................................................हर-हर महादेव 

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