Thursday, 27 February 2020

क्या आप और आपका बच्चा सुरक्षित है ?

बच्चे और अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें
ताकि आप और बच्चा सुरक्षित रहें
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आज के समय में सुरक्षा को लेकर हर व्यक्ति कहीं न कहीं से परेशान रहता है |घर और बाहर की भौतिक की व्यक्तियों से सुरक्षा तो व्यक्ति कर लेता है क्योकि वह अपने स्थान और स्तर के अनुसार जानता है की उसे कहाँ और कैसी सुरक्षा चाहिए |किन्तु वह ऐसे व्यक्तियों ,प्रभावों अथवा अभिचारों से सुरक्षित नहीं हो पाता जो दिखाई न दे ,जो समझ में न आये ,जो केवल नज़रों से अथवा छोटी क्रियाओं से असुरक्षित कर दें |यह अभिचार हो सकते हैं ,नजर दोष हो सकते हैं ,अनायास आकर्षित कोई वायव्य बाधा हो सकती है |इनसे प्रभावित होने पर कुछ स्पष्ट न दिखने पर भी समस्या होती है ,स्वास्थ्य प्रभावित होता है ,मानसिक स्तर प्रभावित होता है और कभी कभी जान के खतरे भी उत्पन्न हो जाते हैं |यह सब अधिकतर महिलाओं और बच्चों के साथ होता है ,क्योकि यह भावुक होते हैं ,इनका आत्मबल कमजोर होता है ,इनका ब्लड पतला होता है ,यह जल्दी प्रभावित हो जाते हैं |
अक्सर लोगों को नजर लगाने वाले अपने होते हैं ,अक्सर अभिचार करने करने वाले नजदीकी ही होते हैं जिनकी पहुँच आप तक हो और जो आपसे जलन या ईर्ष्या रखते हों |कुछ ऐसे भी अपने या नजदीकी होते हैं जो आपकी सही तरीके से हो रही उन्नति भी नहीं देख पाते और चाहते हैं की आप उन्नति न कर पायें ,आपकी उन्नति रुक जाए ,अथवा आप उनसे आगे न निकल पायें ,भले आपमें क्षमता अधिक हो और आप अधिक मेहनत करते हों |कुछ सहकर्मी अथवा व्यावसायिक प्रतिद्वंदी भी सामने आने से बचते हुए आपका अहित करने के लिए अभिचार का सहारा लेते हैं |कुछ पडोसी और नजदीकी भी छोटी छोटी बातों पर रुष्ट होकर आपका अहित करने के लिए टोटकों -टोनों- अभिचार का सहारा लेते हैं |कभी -कभी अपनी भी नजर अपने ही बच्चों को लग जाती है |कभी कभी -कोई कोई काली जुबान का होता है अथवा उनकी नज़रों में विशेष तीक्ष्णता होती है ,उनके कहने अथवा देखने मात्र से आप अथवा बच्चा प्रभावित हो जाता है |
कभी -कभी ऐसे मामले हमारे पास आते हैं की  किसी अपने अथवा नजदीकी ने ही जलन -ईर्ष्या वश किसी बच्चे पर कुछ टोटके /टोन करवा दिए जिससे बच्चे का मन पढ़ाई से उचाट जाए ,उसकी उन्नति रुक जाए ,वह बीमार हो जाए जिससे आपकी पारिवारिक वृद्धि और उन्नति प्रभावित हो |आप कैसे उन्नति कर रहे जबकि उनका बच्चा अथवा वह नहीं कर रहे या आप किसी तरह से आगे न बढ़ पायें |कभी कभी ऐसा भी देखा जाता है की कुछ लोग अपने बच्चे की समस्या का उतारा करके किसी नजदीकी के बच्चे पर क्रिया कर देते हैं और वह निर्दोष बच्चा पीड़ित हो जाता है |कुछ लोग दुशमनी अथवा विरोध बस किसी के बच्चे की बुद्धि और स्वास्थय बिगाड़ने का भी प्रयत्न करते हैं |अगर सीधे बरगलाने पर अथवा माँ बाप के विरिद्ध करने पर बच्चा नहीं मानता तो तंत्र क्रियाओं के सहारे बच्चे को अपने से मिला लेते हैं और माँ बाप -परिवार के विरुद्ध कर देते हैं या उसमे दुर्व्यसन अथवा गलत आदतें उत्पन्न कर देते हैं |आपको शायद इस सब पर यकींन न हो किन्तु ऐसा होता है और हमारे पास ऐसे बहुत से मामले आते हैं |ऐसे बच्चों की नींद प्रभावित होती है |उन्हें भय अँधेरे अथवा अकेले में लग सकता है |अचानक उनका स्वभाव बिगड़ सकता है अथवा उग्र हो सकता है |अक्सर ऐसे कार्य करते हैं जो माँ बाप के स्वभाव और परिवार के संस्कारों से मेल नहीं खाता |बुरी संगत ,बुरी आदतें अच्छी लगती हैं बुरी लत लग जाती है |
कभी कभी कुछ लोगों की की हुई आपकी बड़ाई भी आपको लग जाती है और आपका उस बड़ाई से सम्बंधित क्षेत्र में नुक्सान होने लगता है |कभी -कभी कोई कह देता है की अरे आज तो बहुत अच्छे लग रहे हैं ,अथवा बहुत तेज दिमाग है ,बहुत अच्छी सफलता पा रहा है |यह प्रशंशा का भाव भी कभी आपको अथवा आपके बच्चे को लग जाता है और स्वास्थ्य बिगड़ जाता है या पढ़ाई लिखाई से मन उचाट जाता है अथवा प्रशंसा के क्षेत्र में असफलता मिलने लगती है |यदि गर्भ में बच्चा हो तो महिलाओं के वायव्य बाधाओं से प्रभावित होने की बहुत अधिक सम्भावना होती है |कहीं सुनसान अथवा एकांत अथवा तेज दोपहर अथवा अकेले रात्री में इनके डरने और प्रभावित होने की संभावना होती है |इस समय बच्चे को भी खतरा होता है |वायव्य आत्माएं ऐसी महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं ,जिनमे कुछ की प्रवृत्ति बच्चे के लिए घातक होती है |यह डराने और नुकसान का प्रयास करती हैं |आज के आधुनिक युग में लोग भले न माने पर पुराने समय में इसीलिए घर की बुजुर्ज महिलाए और पुरुष इसे समझते हुए विशेष ध्यान देते थे |
यह सब नजर का दुष्प्रभाव ,जबान का दुष्प्रभाव ,अभिचार अथवा टोन -टोटकों का दुष्प्रभाव हो सकता है ,जो दिखाई नहीं देता |चूंकि इनका पता स्पष्ट रूप से नहीं चलता और करने वाले का पता भी नहीं होता ,इसलिए समझ में नहीं आता और क्षति होती रहती है |पढ़े -लिखे और ज्यादा शिक्षित आधुनिक कहे जाने वाले लोग ही इनसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योकि बह मानते नहीं इन्हें और उनकी समझ में यह सब आता ही नहीं |वह तो हर बात के लिए डाक्टर के यहाँ भागते हैं जहाँ इनका कोई इलाज होता नहीं |कभी -कभी तो डाक्टर के अनुसार कुछ होता ही नहीं फिर भी बच्चा या आप बीमार होते हैं |आज के आधुनिक लोगों में ही गर्भपात की समस्या बहुत अधिक है ,गर्भ में बच्चे के ख़तम होने की समस्या अधिक है |बच्चों के बिगड़ने की समस्या अधिक है ,जबकि अशिक्षित कहे जाने वाले अथवा ग्रामीण अथवा पुराने संस्कारों के परिवारों में लोगों के कई कई बच्चे होते हैं ,सब सुरक्षित रहते हैं |माँ और बच्चा दोनों गर्भावस्था में भी सुरक्षित होते हैं और बाद में भी |वह स्वस्थ भी रहते हैं ,क्यों ,क्योंकि वह इन सब बातों को जानते हैं ,समझते हैं और उपाय करते हैं |
यद्यपि जो समस्या से पहले से उत्पन्न कर दी गयी हो उसके समाप्त होने में तो समय लगता है और अचानक उसे समाप्त नहीं किया जा सकता ,किन्तु आगे ऐसी समस्या कम आये ऐसा उपाय पहले से किया जा सकता है |इसके लिए अपने घर के बच्चों को ,महिलाओं को ,गर्भवती महिलाओं को कवच /ताबीज जरुर पहनाना चाहिए |ताकि उनपर नजर ,अभिचार ,टोन-टोटके ,वायव्य -भूत -प्रेत अथवा अनचाही -अनजान आत्मा या शक्ति का प्रभाव रोका जा सके ,जो उनका नुकसान कर सकता हो |उन नजदीकी लोगों ,पड़ोसियों ,रिश्तेदारों अथवा विरोधियों से सुरक्षा रहे जो आपसे जलन -ईर्ष्यावश आपके यहाँ अभिचार कर सकते हों |आपके बच्चे की उन्नति रोक सकते हों ,आपको कष्ट दे सकते हों |इसके लिए सुरक्षा कवच /ताबीज सबसे बेहतर उपाय है जो इस तरह की बाधाओं से बचाता है |किसी अच्छे तंत्र साधक से बनवाया और अभिमंत्रित किया हुआ कवच उन्नति और स्वास्थ्य में उत्पन्न बाधाओं को रोकता  भी है और शमन भी करता है |जिस साधक के जैसे ईष्ट हों वह उस तरह की शक्ति का उपयोग इन ताबीज में करता है ,जैसे हम भगवती काली की कृपा का उपयोग करते हैं
|इस तरह के ताबीजों /कवच में ईष्ट की शक्ति के साथ विभिन्न नजर दोष निवारक ,अभिचार रक्षक /निवारक ,वायव्य बाधाओं से सुरक्षा देने वाली तांत्रिक वस्तुओं का उपयोग होता है जिन्हें विशिष्ट तांत्रिक मुहूर्तों में निकालकर या प्राप्त कर ,अभिमंत्रित करके ,प्राण प्रतिष्ठित करके भरा जाता है |उसके बाद व्यक्ति के नाम से अभिमंत्रित भी किया जा सकता है और सीधे भी उपयोग में लिया जा सकता है |यद्यपि इस तरह के सुरक्षा कवच का निर्माण हम खुद भी करते हैं किन्तु व्यक्ति इसे किसी भी अच्छे साधक से बनवाकर अपने प्रियजन को धारण करा सकता है जिससे वह सुरक्षित -स्वस्थ रह उन्नति कर सकें और अपने भाग्य का पा सकें ,कोई उनके भाग्य का लिखा पाने में बाधा न उत्पन्न करे |व्यक्ति की सुविधा और विश्वास सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है |पोस्ट का उद्देश्य अपने ब्लॉग अपने दोनों फेसबुक पेजों के पाठकों को जागरूक करना तथा उन्हें इन समस्याओं के बारे में बताना है ,क्योकि इस तरह की समस्याएं हमारे सामने पीड़ित लोगों द्वारा अक्सर लाइ जाती हैं |यदि आपको आपके आसपास कोई इस तरह का साधक नहीं मिलता तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं |..........................................................हर-हर महादेव

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