Sunday, 2 February 2020

कहाँ /कैसे /कब प्रयोग कर सकते हैं दिव्य गुटिका /डिब्बी ?

दिव्य गुटिका /चमत्कारी डिब्बी के विशिष्ट प्रयोग
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दिव्य गुटिका एक चमत्कारी शक्ति युक्त डिब्बी है जिसके अनेकानेक प्रयोग है और इसके लगभग दर्जन भर विशिष्ट प्रयोगों को हम अपने पेजों और वेबसाईट पर दे चुके हैं |यहाँ कुछ सामान्य विभिन्न प्रयोग दे रहे जिसके इसकी शक्ति और प्रयोग की विभिन्नता की जानकारी तथा अंदाजा हो जाए हमारे पाठकों को |यह छोटे प्रयोग विभिन्न कामना पूर्ण करते हैं जबकि गुटिका एक ही रहती है |
|| ॐ ग्लौं गणपतये नमः || इस मन्त्र को कुछ दिन लगातार करने के बाद अथवा दुर्गा ,चामुंडा ,काली के किसी भी मन्त्र को कुछ दिन करने के बाद दिव्य गुटिका पर चढ़ाई जाने वाली सिन्दूर ,अक्षत ,लौंग और इलायची में अद्भुत शक्तियाँ आ जाती हैं |यद्यपि दिव्य गुटिका स्वयं सिद्ध -प्राण प्रतिष्ठित और अभिमंत्रित होती है किन्तु इन मन्त्रों को इसलिए जपते हैं की दिव्य गुटिका की ऊर्जा का सम्बन्ध आपसे हो जाए और वस्तुएं आपकी ऊर्जा के अनुसार इच्छा पूर्ण करें |
१. दिव्य गुटिका पर मन्त्र जप करके चढ़ाए गए सिन्दूर को जो भी स्त्री लगाएगी तो उसका पति सदैव उसके वश में रहेगा ,भटकेगा नहीं |
२. चढ़ाई हुई लौंग को जो भी विवाहित स्त्री एक -दो की संख्या में अपने पति को खिलाती रहेगी तो उसका पति ,सदैव उसके वश में रहेगा |
३. चढ़ाई गई इलायची में से एक -दो इलायची जो भी विवाहित पुरुष अपनी पत्नी को खिलाता रहेगा तो उसकी पत्नी सदैव उसके वश में रहेगी |
४. चढ़ाए गए चावल को अलग कर डिब्बी में भरकर पूजा स्थान अथवा भण्डार गृह में रखने से भण्डार भरा रहेगा और घर में सुख -शान्ति रहेगी |
५. अभिमंत्रित दिव्य गुटिका को अन्न भण्डार ,कोष ,गल्ला ,तिजोरी ,आदि धन -संपदा रखने के स्थानों पर रखा जाए तो धन -धान्य की वृद्धि होने लगती है |इस्क्का पूजन वहां रोज अवश्य होना चाहिए यह ध्यान रखना चाहिए |
६. प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान आदि करके इसका दर्शन ,अभिवादन ,पूजन आदि करने से साधक को यश -सम्मान ,विविध प्रकार के सुख आदि प्राप्त होते हैं |
७. प्रतिदिन पूजन अर्चन से नवग्रहों के दोष दूर होते हैं |
८. इस दिव्य गुटिका पर चढ़ाए हुए सिन्दूर का तिलक करने से वशीकरण और आकर्षण प्रभाव उत्पन्न होता है ,लोग वशीभूत और आकर्षित होते हैं |व्यक्ति का व्यक्तित्व सम्मोहक होता है |भूत-प्रेत पीड़ा ,वायव्य दोष समाप्त होते हैं |नजर दोष समाप्त होता है |दैनिक कार्यों की सफलता बढ़ जाती है |
९. दिव्य गुटिका जहाँ भी रहती है दरिद्रता वहां से पलायन कर जाती है |निर्धनता -गरीबी का निवारण होता है ,आकस्मिक आय स्रोत बनते हैं |अन्न ,धन ,वस्त्र ,ज्ञान और शान्ति प्राप्त होती है |
१०. दिव्य गुटिका के प्रभाव से जादू -टोना ,अभिचार ,तांत्रिक क्रिया ,नजर ,अभिशाप ,दुर्भाग्य ,और दुर्ग्रह प्रभाव समाप्त होते हैं |मानसिक कष्ट ,शोक -संताप का निवारण होता है |शत्रु और विरोधी परास्त होते हैं |
११. दिव्य गुटिका के प्रतिदिन पूजन से शासन की कृपा ,राजकीय अधिकारी की अनुकूलता ,सम्मान ,उन्नति ,कार्यों में सफलता ,दूसरों से स्नेह -मान ,प्राप्त होता है |
१२. शेयर -सट्टा -लाटरी -कमोडिटी में हानि न हो और लाभ हो उसके लिए दिव्य गुटिका गल्ले अथवा आफिस अथवा पूजा स्थान पर स्थापित कर कम से कम एक माला काली मन्त्र का और एक माला लक्ष्मी मन्त्र का प्रतिदिन करें |
१३.गृह दोष ,वास्तु दोष ,स्थान दोष ,जमीन के अन्दर की समस्या लगती हो तो दिव्य गुटिका पर काली ,भैरव ,दुर्गा ,चामुंडा के मंत्र जप करें |इन समस्याओं से राहत मिलेगी |
१४. पित्र दोष ,कुलदेवता /देवी का दोष ,ब्रह्म दोष ,प्रेत दोष आदि की संभावना पर प्रतिदिन एक माला काली अथवा दुर्गा का और एक माला शिव के मंत्र का करें |इन सभी समस्याओं से राहत मिलेगी |
१५. उद्देश्य के अनुसार दिव्य गुटिका पर किये गए शाबर मन्त्रों का जप त्वरित प्रभाव देता है |वशीकरण ,शान्ति ,सुरक्षा ,आकर्षण ,विजय ,सफलता ,सिद्धि आदि के निमित्त किये गए मन्त्रों का अपेक्षित परिणाम प्राप्त होता है |किसी भी मंत्र का इस पर ग्रहण ,होली ,दीपावली ,अमावश्य को किया गया मन्त्र जप बेहद प्रभावकारी होता है |
१६. प्रति दिन सामान्य पूजा से ही घर में सुख शान्ति रहती है किन्तु यदि घर में अधिक अशांति हो और घर के सभी सदस्यों में सदैव मतभेद बना रहता हो तो इसकी नियमित पूजा के साथ २१ दिनों में १० माला संख्या रोज रखते हुए निम्न मंत्र का २१ हजार जप करें -
ॐ मदने मदने देवी मामालियमसंगे देह देह श्री स्वाहा |
इससे घर में सुख -शान्ति आती है और मतभेद दूर हो जाते हैं |
१७. किसी लड़के या लड़की की आयु बढती जा रही  हो लेकिन उसका विवाह नहीं हो पा रहा हो तो लड़का या लड़की दिव्य गुटिका पर निम्न प्रयोग खुद करे |प्रतिदिन दिव्य गुटिका की धुप -दीप ,फल-प्रसाद के साथ पूजन कर २१ दिनों में निम्न मंत्र की ५१ हजार जप करे -
ॐ क्लीं मम् ..............कार्य सिद्धि ,करि करि जनरंजिनी स्वाहा |
जहाँ खाली स्थान है मंत्र में वहां लड़का या लड़की अपना नाम जोड़ ले |इस प्रयोग से उसका उत्तम विवाह संभव होता है |
१८. यदि किसी को भूत -प्रेत बाधा अथवा वायव्य बाधा अथवा नजर दोष या अभिचार आदि की पीड़ा है तो रविवार या मंगलवार कोधुप दीप -पूजन करके दिव्य गुटिका पर ११ माला दुर्गा या काली मंत्र का जप करें तथा गुटिका में चढ़ाई हुई लोंगों में से दो लौंग निकालकर हाथ में ले पुनः ११ बार मन्त्र पढ़कर फूंक मारें ,फिर किसी लाल कपडे में बांधकर या ताबीज की भाँती सिलकर पीड़ित को बाजू में बाँध दें |उसकी पीड़ा से राहत मिल जायेगी |अन्य पहले के लौंग अलग कर लें जो अभिमंत्रित हो चुके हैं उन्हें केवल हथेली पर ११ मन्त्र से अभिमंत्रित कर किसी को धारण कराया जा सकता है |[[ ज्ञातव्य है की गुटिका पर पूजन में रोज दो लौंग चढ़ाए जाते हैं जो शक्तिकृत हो जाते हैं ,इन्हें अभिमंत्रित कर उपरोक्त प्रकार अलग रखा जा सकता है ]]|
१९. वैसे तो दिव्य गुटिका स्वयं ही धन दायक है किन्तु अधिक धन की चाह हो अथवा आर्थिक स्थिति विषम हो चुकी हो और तत्काल राहत की आवश्यकता हो तो गुटिका पर सिक्का अर्पित कर निम्न मंत्र की कम से कम ५ माला रोज करें |शीघ्र ही परिवर्तन दृष्टिगोचर होगा --
मन्त्र -- ॐ चामुंडायै धनं देहि |
२०. शत्रु परेशान कर रहे हो और कोई राहत मिलने की उम्मीद न दिखे तो दिव्य गुटिका पर काली अथवा चामुंडा के मंत्र जप करें और शत्रु से रक्षा और उनके पराजय की कामना करें |शीघ्र राहत मिलेगी |
२१. यदि किसी को अनुकूल कर अपना कार्य करवाना हो ,अथवा कोई अधिकारी -कर्मचारी परेशान कर रहा हो अथवा कोई बुरा सोचने वाला हो अथवा कोई अपना आपसे दूर जा रहा हो ,गलत कर रहा हो या गलत सांगत में हो पर आपकी बात न समझता हो या आपकी उपेक्षा करता हो तो उसके लिए वशीकरण का प्रयोग करें दिव्य गुटिका पर -- प्रतिदिन दिव्य गुटिका की पूजा करके धुप जलाकर निम्न मन्त्र की एक माला करें -- ॐ चामुंडा देवी .................... में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा |
रिक्त स्थान में उस व्यक्ति का नाम जोड़ दें |जप साधना के दिनों में संयम -शुद्धताऔर ब्रह्मचारी का पालन करें |कुछ दिनों में लक्षित व्यक्ति अनुकूल हो जाएगा |
२२. यदि कोई विशेष कामना हो और वह पूर्ण होने में विलम्ब हो रहा हो अथवा उसके पूर्ण होने की उम्मीद न हो तो इस प्रयोग को किया जा सकता है |प्रतिदिन दिव्य गुटिका की पूजा कर धुप-दीप जलाकर दुर्गा जी के नवार्ण मंत्र का जप करें कम से कम ५ माला और अपनी कामना पूर्ण करने की उनसे प्रार्थना करें |उम्मीद करें की आपकी कामना शीघ्र पूर्ण होगी |
२३. धन -समृद्धि शान्ति की कामना हो तो दिव्य गुटिका पर कमला अर्थात लक्ष्मी के मंत्र बेहद प्रभावकारी हैं क्योकि इसके अधिकतर अवयव धन -समृद्धि कारक हैं |इस हेतु निम्न मन्त्र अधिक लाभकारी है और इसकी कम से कम एक माला रोज की जानी चाहिए |
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ||
२४. यदि किसी को लगता हो की उनके ऊपर अथवा उनके दूकान ,व्यवसाय ,घर-परिवार पर किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है ,किसी ने कुछ किया -कराया किया हुआ है या अभिचार किया है ,या व्यवसाय -दूकान बाँध दिया है ,या उन्नति रोक दी है ,या अपने आप किसी वायव्य आत्मा परेशान कर रही है ,किसी बच्चे -स्त्री को कोई पीड़ा पहुंचा रहा हो ,घर-परिवार में अनावश्यक बीमारी -दुर्घटना -कष्ट का वातावरण बन रहा हो तो वह दिव्य गुटिका पर दुर्गा जी के नवार्ण मन्त्र का अथवा काली जी के मंत्र का जप करे उसकी समस्या का निदान हो जाएगा |........................................................................हर-हर महादेव

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