Thursday 27 February 2020

कर्ज /ऋण क्यों नहीं ख़त्म होता ?

कर्ज की समस्या -हजार टोटके पर भी परिणाम शून्य क्यूँ ?
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कर्ज की समस्या :: टोटके -उपाय हजार फिर भी जस का तस
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कर्ज एक ऐसी समस्या है जिससे हर दस में से एक व्यक्ति कभी न कभी परेशान हो ही जाता है |धनवान होकर भी कभी कभी लोगों को कर्ज लेना पड़ जाता है ,गरीब की तो बात ही क्या ,उसे तो हमेशा जरूरत होती है धन की |अधिकतर कर्ज की समस्या से मध्यम वर्ग परेशान होता है |आधुनिक भौतिकता वादी संस्कृति में सुख सुविधाओं के लिए लोग कर्ज लेते हैं ,शिक्षा के लिए लेते हैं ताकि अच्छी उच्च शिक्षा प्राप्त के अच्छा जीवन जी सकें |मकान -दूकान -व्यवसाय के लिए कर्ज लेते हैं तो कभी डूबने से बचने की उम्मीद में कर्ज लेते हैं की कल स्थिति सुधर जायेगी और कर्ज उतार देंगे |आजकल तो बैंक भी खूब कर्ज देते हैं ,जबकि पहले साहूकार देते थे |दोनों ही तरह से शोषण तो होता ही है और जितना कर्ज उसका आधा तो व्याज भरना ही हो जाता है अगर समय से भी दिया तो |पर ऐसा कर पाना 90 प्रतिशत के लिए मुश्किल होता है |कर्ज ऐसा सर चढ़ के बोलता है की सामने का भोजन भी अच्छा नहीं लगता ,किसी की अच्छी बात भी अच्छी नहीं लगती |प्यार -मुहब्बत  -ख़ुशी सब गायब हो जाती है और सवार हो जाता है एक खामोश तनाव जो व्यक्तित्व को तोड़ डालता है जिससे व्यक्ति में योग्यता होते हुए भी वह अपना शतप्रतिशत कहीं नहीं दे पाता और हर समय अगले क़िस्त की या पूरे कर्ज की एक अनजानी चिंता और भय में अपना बहुमूल्य समय गवाने को मजबूर होता है |
यहाँ शुरू होती है कर्ज उतारने के अलौकिक उपायों की शुरुआत |जब अपनी क्षमता और सामने दिख रहे स्रोत से पूर्ती नहीं होती और कर्ज परेशान करता है तो व्यक्ति टोन -टोटकों ,ज्योतिषीय उपायों की ओर भागता है ताकि किसी तरह इस कर्ज के जाल से मुक्त हो सके ,पर ऐसा अक्सर नहीं हो पाता |कर्ज बढ़ता ही जाता है ,उपाय पर उपाय होते रहते हैं |धीरे -धीरे इन सबसे विश्वास उठता जाता है और तब स्थिति विस्फोटक हो जाती है |जब तक उपाय करता है कोई व्यक्ति तब तक उम्मीद का दामन पकडे रहता है और जीता रहता है पर जब उम्मीदें टूटती हैं और कोई सहारा नहीं नजर आता तो व्यक्ति कभी कभी आत्मघाती कदम उठाने तक को मजबूर हो जाता है |कभी कभी उपाय करते करते थक कर कहता है की सब बेकार है ,कुछ नहीं होता इन सबसे |जो भाग्य में है वाही होता है ,जबकि ऐसा होता नहीं ,जो भाग्य में है वाही तो नहीं मिल पा रहा और आप कहते हो की जो भाग्य में है वाही होगा |भाग्य में यह नहीं होता |अगर भाग्य में ऐसा होता तो आपको इतना कर्ज मिल ही नहीं पाता ,आपको उतना ही मिला होता है जितना आप चूका सको |
ऐसा नहीं की किये जाने वाले उपायों में शक्ति नहीं ,वह कार्य नहीं करते पर अक्सर होता यह है की ,जैसे डाक्टर ही जानता है की किस मर्ज में कौन सी दवा दी जाए जबकि बाजार तो दवाओं से पटा होता है उसी तरह केवल बहुत योग्य ही उपाय बताने वाला यह समझ पाता है की समस्या है कहाँ और किस तरह का उपाय प्रभावी हो पायेगा |लेकिन सामान्यतया होता यह है की नीम हकीम की तरह उपाय बताने वाले भी सामान्यतया इस तरह की विशेषज्ञता नहीं रखते और पकड़ नहीं पाते की वास्तविक समस्या है कहाँ ,क्यों कर्ज की स्थिति आई ,क्यों व्यक्ति नहीं चूका पा रहा कर्ज ,क्यों उसके आय में अवरोध है ,क्यों उसकी क्षमताएं कम हैं |वह तो कर्ज का नाम सूना और किताबों में लिखे टोटके पकड़ा देता है |विश्लेषण करने की न क्षमता है न वह जानता है इसके कारण |यहाँ जरूरत होती है मूल कारण पकड़ने की |
 हम कर्ज की स्थिति को देखते हैं तो पाते हैं की कर्ज आपको उतना ही मिल पाता है जितना आपके भाग्य में आय हो या जितना आप चूका सकते हों  |आपके भाग्य में अगर लाख रुपये मिलने हैं तो आपको कर्ज करोड़ रुपये कभी नहीं मिल सकता |क्योकि प्रकृति कभी असंतुलित कार्य नहीं करती ,वह हमेशा भाग्य में संतुलन बनाकर ही भेजती है अर्थात भाग्य में जितना देती है उतना ही आप कर्ज ले सकते हैं या आपको मिल सकता है उससे अधिक आप कितना भी प्रयास करें आपको नहीं मिलेगा |धनवान को ही अधिक कर्ज भी मिलता है और गरीब को कर्ज मिल नहीं पाता |इसका कारण सामने दिख रही आर्थिक स्थति ही नहीं होती ,इसका कारण यही भाग्य है जो जितना दे सकता है उतना ही आप कर्ज ले सकते हैं ताकि उसे भर सकें |प्रकृति भाग्य में कभी आत्महत्या वाली स्थिति नहीं रखती भले कुछ लोग अपने स्वबाव से किसी का कर्ज न दें या कोई अपनी कमियों से या अपने पूर्वजों की कमियों से अपने कर्ज न भर पाए |
कर्ज केवल उपायों से या टोटकों से नहीं भरा जा सकता अगर अधिक कर्ज है |कर्ज भरा जा सकता है आय के स्रोत बढाने से ,अपनी क्षमता की वृद्धि से ,अपने को नियंत्रित करने से |सामान्य उपाय -टोटके आय स्रोत बढाने ,आपकी क्षमता में वृद्धि के लिए नहीं होते |वह तो छोटी मोटी बाधाएं मात्र हटा सकते हैं ,छोटी मोटी नकारात्मकता हटा सकते हैं |जैसे हुआ आपको कैंसर है और टेबलेट दी जाए मात्र बुखार उतारने की |इससे कैंसर नहीं ठीक होगा ,तात्कालिक बुखार ही उतरेगा और कैंसर तो और बढ़ता ही जाएगा |ऐसा ही है टोटको -छोटे उपायों और नीम -हकीम उपाय बताने वालों के साथ जो कुकरमुत्ते की तरह उग आये हैं इंटरनेट पर |उपाय दर उपाय कराते जाते हैं फीस पर फीस लेते रहते हैं पर ठुक ठुक करवाते रहते हैं जबकि जरुरत हथौड़े की होती है |जहाँ जरुरत तलवार की हो वहां सुई काम नहीं करती ,वहां तो तलवार ही चाहिए होगा वर्ना कुरेदने से समस्या और बढ़ेगी ही |अतः आय के स्रोत बढाने और व्यक्ति की क्षमता में वृद्धि के उपाय किये जाने चाहिए जो की टोटकों और ज्योतिषीय छोटे मोटे उपायों से नहीं होता |स्तोत्र और टोटके इसके लिए अधिक प्रचलित हैं |स्तोत्र में आप किसी शक्ति से अपनी कर्ज उतारने की प्रार्थना करते हैं ,और टोटको से इसमे आ रही बाधा हटाने का कार्य होता है |इनकी अपनी ऊर्जा स्तर होती है |अगर बाधा या कर्ज अधिक हुआ तो यह सुई चूभोने जैसा काम कर जायेंगे ,समस्या पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं होगा |स्तोत्र में आप प्रार्थना करके करेंगे क्या उससे बाधा तो हटेगी नहीं |वह शक्ति छह कर भी कैसे दे पायेगा जब आपके भाग्य को किसी और शक्ति द्वारा बाधित किया जा रहा है |इस तरह इनसे बहुत फायदा अक्सर नहीं होता ,क्योकि तुलनात्मक अध्ययन बिना किये उपाय बताये गए होते हैं |कितनी शक्ति की जरुरत है यह ध्यान दिए बिना किया गया कोई भी प्रयास असफल होगा ही |दीवार गिराने को क्रेन की जरुरत है और आप उसे हाथ से थपथपाकर सोच रहे वह गिर जाएगा |
प्रकृति जब यह संतुलन बनाकर रखती है की आपको उतना ही कर्ज मिले जितना आप भर सकें तो आप उसे भर क्यों नहीं पाते |मतलब कहीं तो झोल है |क्या प्रकृति ऐसा नहीं करती |यह हो नहीं सकता |प्रकृति अन्याय नहीं करती |तब जरुर कहीं और समस्या है |आपके भाग्य के आय के अनुपात में कर्ज मिला या आपने उससे भी कम कर्ज लिया तब भी नहीं भर पा रहे ,इसका मतलब की आपके भाग्य में जो लिखा है वह आपको पूरा नहीं मिल पा रहा |अगर मिलता तो आप भर लेते |सामान्य ज्योतिषी और भाग्यवादी व्यक्ति इस बात को कत्तई नहीं मानेंगे की जो भाग्य में है उसे भी रोका जा सकता है ,किन्तु यह सत्य है की ऐसा होता है और आपके भाग्य का लिखा भी आपको अक्सर नहीं मिलता |अगर पूरा मिल जाता तो हर ज्योतिषी की बात सबके लिए सच हो जाती |किन्तु अधिकतर भविष्यवानियाँ आपके भविष्य की गलत निकल जाती हैं अगर वह आपके लिए शुभ हों जबकि अशुभ घटनाएँ अधिक सामने आती हैं जो की कुंडली तक नहीं बताती या जो भाग्य में कम होती है |
ऐसा होता है आपके नकारात्मक उर्जाओं से प्रभावित होने के कारण |विभिन्न प्रकार के दोष और हानिकारक उर्जायें आपको प्रभावित करती हैं और आपको आपके भाग्य में लिखे सभी लाभों तक नहीं पहुँचने देती |ऐसा वह आपमें ही कमी उत्पन्न कर करती हैं या आपके पारिवारिक माहौल ,आसपास के वातावरण को प्रभावित करती हैं |इसका परिणाम यह होता है की आपके भाग्य में कर्ज भर पाना लिखा है किन्तु आपकी आय इन प्रभावों के कारण रोक दी जा रही है |ऐसे में कर्ज उतारने के टोटके काम कैसे करेंगे |यहाँ तो जरुरत नकारात्मक ऊर्जा हटाने की है |आप कितना भी धन प्राप्ति के उपाय कर लें पर पायेंगे अपने भाग्य के अनुसार ही वह भी तब जब आप किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होंगे |यदि यह प्रभाव हैं तो आप कितना भी धन प्राप्ति के उपाय कर लें आपको नहीं मिलेगा और कर्ज आप नहीं चूका पाएंगे |इन नकारात्मक उर्जाओं के प्रभाव से आपमें आलस्य ,प्रमाद ,उश्रृंखलता ,दुर्व्यसन ,लापरवाही ,बदजुबानी आदि कमियां भर गई है ,आपकी क्षमता कम हो गई है ,आप सही समय सही निर्णय नहीं कर पा रहे न उन्नति के सतत प्रयास कर पा रहे ,जबकि आपमें यह क्षमताएं हैं |आपका पारिवारिक माहौल बिगड़ गया है ,आसपास का वातावरण प्रभावित है नकारात्मक प्रभावों से जो आपको उन्नति की दिशा में कार्य नहीं करने दे रहा या जब अवसर अत है कोई न कोई समस्या कड़ी हो जाती है ,और आप उपाय कर रहे हैं कर्ज उतारने की ,आपको तो जरुँरत हैं नकारात्मक प्रभाव हटाने की जिससे आपकी क्षमता बढ़ सके और आप अपने भाग्य का बस पूरा पा सकें |आपका कर्ज खुद उतर जाएगा |
अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो यहाँ -वहां मत दौडिए और यहाँ वहां लिखे टोन -टोटके मत कीजिये इससे आपकी समस्या गंभीर ह होगी और आप एक भ्रम में बंधे रहेंगे की आप इतने उपाय कर रहे हैं ,क्योकि न आपको पता है की समस्या है कहाँ और न उस टोटके लिखने वाले को की यह काम कहाँ करेगा और इसका प्रभाव क्या होगा |ध्यान दीजिये यदि आपको किसी प्रकार की ऊर्जा की जरुरत नहीं है और आप उसे उत्पन्न करते हैं तो वह कहीं न कहीं तो क्रिया करेगी ही |क्या पता उससे आपका अहित ही हो रहा हो या वह कोई और कमी उत्पन्न कर रही हो कहीं फायदा करने के साथ |सबसे अच्छा तरीका यह की आप पहले किसी विद्वान् ज्योतिषी से मिलिए व्यक्तिगत रूप से और उससे अपनी कुंडली पर डिस्कस कीजिये |जो ग्रह खराब हो उसका उपाय कीजिये ,कर्ज उतारने का उपाय मत कीजिये बिना सोचे समझे |ग्रह का उपाय अधिक बेहतर होगा |दूसरा आप किसी अच्छे तांत्रिक की मदद लीजिये ,हाँ केवल मदद लीजिये उनसे कोई उपाय करने को मत कहिये |उनसे नकारात्मक ऊर्जा की स्थिति देखने को कहिये और उपाय बताने को कहिये [[ यदि तांत्रिक जानकार है तो आपके फोटोग्राफ को देखकर वह नकारात्मक ऊर्जा की प्रकृति को भांप लेगा और तदनुकूल उपाय बता देगा ]],उपाय करेंगे उपाय आप खुद |इससे बड़ा फायदा होगा |एक तो यह की नकारात्मक ऊर्जा हट जायेगी ,दुसरे आपकी क्षमता बढ़ जायेगी जो हमेशा आपके काम आएगी |यहाँ आप पूजा की बजाय साधना ,उपासना को प्राथमिकता दीजिये |ध्यान रहे ,पूजा ,आराधना ,उपासना और साधना में बड़ा अंतर है |पूजा ,आराधना श्रद्धा और समर्पण की प्रक्रिया है |जबकि साधना ,उस सम्बंधित शक्ति को खुद में अंगीकार करने की प्रक्रिया है |आप साधना कीजिये ,यही आपकी क्षमता भी बढ़ाएगा और आपके आसपास सहित पारिवारिक नकारात्मकता को भी समाप्त करेगा |इसके लिए विशेषज्ञ की जरुँरत होगी |इसके बाद आप चाहें तो धन संबन्धिन क्रयाएँ ,टोटके ,उपाय भी कर सकते हैं यद्यपि इसकी जरुँरत होगी नहीं |इस तरह आपके कर्ज भी उतर जायेंगे और फिर कभी आपको किसी कर्ज की न जरुँरत होगी न ऐसी स्थिति ही आएगी |आप हर समस्या से खुद निकलने में सक्षम होंगे बजाय यहाँ वहां दौड़ने के ,क्योकि आपकी क्षमताएं पूरी तरह कार्य करेंगी और आपके भाग्य का आपको पूरा मिलेगा |......................................................................हर -हर महादेव

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