:::::::::::::::वशीकरण ::::::::::::::
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वशीकरण अर्थात वश में करना ,षट्कर्म के अंतर्गत एक विद्या है ,किसी को अपने या किसी अन्य के प्रति वशीभूत कर देना वशीकरण है ,चाहे वह देवता हो ,मनुष्य हो ,पशु-पक्षी हो या अगोचर जगत ,,वशीकरण व्यक्तिगत भी होता है ,और समूहगत भी ,,जब किसी एक के प्रति वशीकरण किया जाता है तब यह व्यक्तिगत वशीकरण है और जब समूह या सभा के प्रति किया जाए तब समूहगत वशीकरण है ,,,आकर्षण से व्यक्ति आकर्षित होता है [यह घर से गए हुए के लिए ,या द्य्रास्थ व्यक्ति के लिए सामान्यतया किया जाता है ,,,मोहन से व्यक्ति मोहित होता है किसी के प्रति ,,और वशीकरण के उसके वाचेतन पर प्रयोगकर्ता का ऐसा प्रभाव हो जाता है की वह वशीभूत हो जाता है ,,कह सकते है आकर्षण और मोहन को मिलकर वशीकरण होता है ,,वशीकरण की शुरुआत आकर्षण से होती है ,,देवताओं को भी वशीभूत करके उनसे सिद्धि प्राप्त की जाती है ,,,वशीकरण शारीरिक ,मानसिक तरंगों पर आधारित एक तंत्रिकीय वैज्ञानिक प्रक्रिया है ,जिसमे लक्षित व्यक्ति में मानसिक ,शारीरिक ,रासायनिक और तरंगीय परिवर्तन होने से उसकी रुचियो और स्वाभाव में परिवर्तन हो जाता है ,हार्मोनो और फेरोमोंस के प्रति आकर्षण और पसंद में परिवर्तन हो जाता है ,अवचेतन मन प्रभावित हो जाता है ,फलतः वह प्रयोगकर्ता के वशीभूत हो जाता है ......................................................हर-हर महादेव
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वशीकरण अर्थात वश में करना ,षट्कर्म के अंतर्गत एक विद्या है ,किसी को अपने या किसी अन्य के प्रति वशीभूत कर देना वशीकरण है ,चाहे वह देवता हो ,मनुष्य हो ,पशु-पक्षी हो या अगोचर जगत ,,वशीकरण व्यक्तिगत भी होता है ,और समूहगत भी ,,जब किसी एक के प्रति वशीकरण किया जाता है तब यह व्यक्तिगत वशीकरण है और जब समूह या सभा के प्रति किया जाए तब समूहगत वशीकरण है ,,,आकर्षण से व्यक्ति आकर्षित होता है [यह घर से गए हुए के लिए ,या द्य्रास्थ व्यक्ति के लिए सामान्यतया किया जाता है ,,,मोहन से व्यक्ति मोहित होता है किसी के प्रति ,,और वशीकरण के उसके वाचेतन पर प्रयोगकर्ता का ऐसा प्रभाव हो जाता है की वह वशीभूत हो जाता है ,,कह सकते है आकर्षण और मोहन को मिलकर वशीकरण होता है ,,वशीकरण की शुरुआत आकर्षण से होती है ,,देवताओं को भी वशीभूत करके उनसे सिद्धि प्राप्त की जाती है ,,,वशीकरण शारीरिक ,मानसिक तरंगों पर आधारित एक तंत्रिकीय वैज्ञानिक प्रक्रिया है ,जिसमे लक्षित व्यक्ति में मानसिक ,शारीरिक ,रासायनिक और तरंगीय परिवर्तन होने से उसकी रुचियो और स्वाभाव में परिवर्तन हो जाता है ,हार्मोनो और फेरोमोंस के प्रति आकर्षण और पसंद में परिवर्तन हो जाता है ,अवचेतन मन प्रभावित हो जाता है ,फलतः वह प्रयोगकर्ता के वशीभूत हो जाता है ......................................................हर-हर महादेव
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