Thursday 27 February 2020

बिना सलाह तांत्रिक उपाय न करें

बिना सोचे -समझे तांत्रिक उपाय खुद न करें
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           तंत्र में सभी प्रकार की जीवन से जुडी समस्याओं का समाधान है ,किन्तु अधिकतर विद्वान् अपनी पुस्तकों में एवं फेसबुक जैसे माध्यमो पर सम्पूर्ण प्रक्रिया नहीं देते हैं ,हम भी ऐसा ही करते हैं ,जबकि इनके पीछे के सिद्धांत -कार्यप्रणाली -वस्तुएं-स्थान-समय आदि अलग-अलग दे दी जाती हैं ,ऐसा करने के अपने कारण होते हैं ,सिद्धांत -कार्यप्रणाली देने का कारण होता है की लोग इसे समझ सकें ,जान सकें ,वैज्ञानिकता को देख सकें ,भ्रांतियां दूर हों जबकि सम्पूर्ण प्रक्रिया ,मंत्र आदि न देने का मूल कारण होता है की इनका दुरुपयोग न होने पाए अथवा इनसे हानि न होने पाए ,
            तंत्र दोधारी तलवार होता है जो चूक होने पर खुद का भी नुक्सान कर सकता है ,इसीतरह हर प्रक्रिया के सदुपयोग और दुरुपयोग दोनों होते हैं ,जैसे वशीकरण से किसी बिगड़े को वश में कर अपने अनुकूल कर पारिवारिक शांति भी लाइ जा सकती है और किसी दुसरे को वश में कर गलत कार्य भी किया जा सकता है ,,इसीतरह उच्चाटन से किसी को किसी से दूर कर घर में शांति भी लाइ जा सकती है ,गलत होने से रोका भी जा सकता है ,ग्रह बाधा -रोग-वायव्य बाधा दूर भी किया जा सकता है और किसी का घर भी तोड़ा जा सकता है ,कहीं से हटाया भी जा सकता है ,,विद्वेषण से दुश्मनों में फूट भी डाली जा सकती है और किन्ही एक ही परिवार में दुश्मनी भी करवाई जा सकती है ,,इस प्रकार तंत्र के दुरुपयोग भी हो सकते है, इस लिए भी जब तक साधक या जानकार संपर्क करने वाले व्यक्ति को जान समझ नहीं लेता सही प्रक्रिया ,मंत्र आदि नहीं बताता ,न खुद करता है ,यद्यपि यहाँ अपवाद भी कुछ तांत्रिक होते हैं जो कुछ पैसों के लालच में किसी का बिना सोचे समझे अहित भी कर देते हैं ,,,कभी कभी ऐसी भी स्थितियां आती हैं की कोई आकर झूठ बोलता है की किसी के द्वारा उसे परेशानी है और जानकार उसे सही मान प्रक्रिया बता देता है और वह व्यक्ति उसका दुरुपयोग कर देता है ,,,पर सामान्यतया जानकार सोच समझकर ही निर्णय करता है और बिना जाने पूर्ण प्रक्रिया से अवगत नहीं कराता किसी को ,,
           किसी को कोई समस्या अगर हो तो उसे कहीं से देखकर कोई उपाय करने की बजाय किसी योग्य जानकार से संपर्क करना चाहिए और व्यक्तिगत रूप से अपनी समस्या व्यक्त कर उपाय पूछना चाहिए या करवाना चाहिए ,क्योकि अक्सर यहाँ वहां लिखे उपाय अधूरे हो सकते हैं ,मंत्र गलत हो सकते हैं ,सामग्री अशुद्ध हो सकती है ,प्रक्रिया ऊपर नीचे हो सकती है ,अधूरी अथवा अशुद्ध लिखी किसी पुस्तक का अंश लिखा हो सकता है ,जिससे लाभ की बजाय हानि भी हो सकती है ,,, यही हाल साधना का हो सकता है ,आई हुई ऊर्जा न सँभलने के कारण अनियंत्रित हो नुकसान भी पंहुचा सकती है ,फेसबुक जैसे माध्यमों पर तंत्र-ज्योतिष-गुप्त विद्याओं-अध्यात्म-योग आदि के पोस्टों की बाढ़ आई हुई है जिनमे से अधिकतर पुस्तकों से लेकर लिखी गयी होती हैं ,इनमे कितने अनुभूत है नहीं कहा जा सकता ,कितनी प्रक्रिया ,मंत्र आदि सही हैं नहीं कहा जा सकता है ,अतः हर स्तर पर सावधानी आवश्यक होती है ,,,
                सामान्यतया समझदार और योग्य साधक जिसने खुद क्रियाएं की हों वह सम्पूर्ण प्रक्रिया नहीं देता वह उनके सिद्धांत -कार्यप्रणाली -वैज्ञानिकता आदि व्यक्त कर देता है पर मूल क्रिया व्यक्त नहीं करता ,क्योकि वह उनके महत्व को समझता है ,अतः जब भी समस्या हो तो खूब सोच समझकर ,विचार विमर्श करके ,जानकार व्यक्ति के परामर्श से ही कोई क्रिया करनी अथवा करवानी चाहिए ,,तंत्र में सभी समस्याओं के समाधान हैं ,इसकी शक्ति अद्वितीय -अलौकिक है क्योकि इसकी शक्तिया ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्तियां हैं ,पर यह हर कदम पर सावधानी भी मांगता है ,अधिक लाभदायक का उल्टा अधिक नुकसानदायक भी होता है ,,,यह ऊर्जा उत्पन्न कर उसे नियंत्रित कर लाभ हेतु उपयोग करने का मार्ग है ,नियंत्रित करना नहीं आया और उर्जा उत्पन्न कर लिया तो क्षति भी संभव है ,नियंत्रित करके दिशा दे दी तो निर्माण भी संभव है ,हर क्रिया की प्रतिक्रया भी होती है अतः क्रिया के पहले प्रतिक्रया पर भी ध्यान होना चाहिए ,,,किसी द्वारा कोई क्रिया करवाई या खुद की जाए तो यह भी हमेशा ध्यान होना चाहिए की यदि यह क्रिया वापस लौट आई तो क्या हम उसे संभाल पायेंगे ,,कभी ऐसा भी होता है की कोई क्रिया आपने की या करवाई किसी तांत्रिक से वह क्रिया वहां से वापस लौटा दी गयी जहाँ के लिए क्रिया की गयी थी ,उस समय वापस आई क्रिया की शक्ति दोगुनी होती है ,ऐसे में अगर क्रिया करने वाले तांत्रिक के पास शक्ति है तो वह तो नुक्सान नहीं उठाएगा ,किन्तु आपका नुक्सान हो सकता है ,अतः जब भी कुछ करें बनाने के लिए, शांति -संमृद्धि के लिए करें ,किसी को परेशां करने के लिए नहीं ,और खुद कुछ करने की अपेक्षा योग्य जानकार की मदद ले ,यदि आप तंत्र को ठीक से नहीं जानते हैं तो ......................................................हर-हर महादेव 


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