Thursday, 27 February 2020

समस्या का कारण अपने में हो सकता है

क्या आप जानते हैं अपनी समस्या का कारण
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एक व्यक्ति दुखी क्यों होता है जबकि दूसरा सुखी और खुश क्यों होता है |एक व्यक्ति सुखी और समृद्ध क्यों होता है ,जबकि दूसरा दुखी और गरीब क्यों होता है ?एक व्यक्ति भयभीत और तनावग्रस्त क्यों होता है ?जबकि दूसरा आस्थावान और आत्मविश्वासी क्यों होता है ?एक व्यक्ति के पास सुन्दर आलिशान बंगला क्यों होता है ?जबकि दूसरा झोपड़पट्टी में क्यों रहता है ?एक व्यक्ति बहुत सफल क्यों होता है जबकि दूसरा बुरी तरह असफल क्यों होता है ?एक वक्ता उत्कृष्ट और असाधारण रूप से लोकप्रिय क्यों होता है ,जबकि दूसरा औसत और अलोकप्रिय क्यों होता है ?एक व्यक्ति अपने काम या पेशे में जीनियस क्यों होता है ,जबकि दूसरा जिन्दगी भर मेहनत करने के बावजूद कुछ हासिल क्यों नहीं कर पाता ?एक व्यक्ति तथाकथित असाध्य बीमारी से ठीक क्यों हो जाता है ,जबकि दूसरा नहीं हो पाता ?इतने सारे अच्छे दयालु और धार्मिक लोग इतनी ज्यादा मानसिक और शारीरिक यातना क्यों झेलते हैं ?कई अनैतिक और अधर्मी लोग सफल, समृद्ध और स्वस्थ क्यों होते हैं ?एक व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय क्यों होता है ,जबकि दुसरे का दुखी और कुंठित क्यों होता है |क्या आपके चेतन और अवचेतन मन की कार्यशैली में इन सवालों का कोई जबाब मिल सकता है ?निश्चित रूप से मिल सकता है |
जब उपरोक्त सवालों का जबाब आप ढूंढते हैं तो सबसे पहले भाग्य पर ध्यान जाता है |ग्रह स्थितियों और भाग्य को इसका जिम्मेदार मानते हैं ,किन्तु यह मात्र पलायन वाद से अधिक कुछ भी नहीं है |दो लोग एक ही समय एक ही स्थान पर एक ही स्थितियों में जन्म लेते हैं किन्तु उनके जीवन स्तर में भारी अंतर होता है |यद्यपि इसके लिए भी ज्योतिषीय तर्क हैं ,किन्तु हर जगह केवल भाग्य और ग्रह स्थितियां ही जिम्मेदार नहीं होती |अगर ऐसा होता तो जो आपके भाग्य में लिखा हुआ ज्योतिषी बताते हैं वह पूरा खरा क्यों नहीं उतरता ,अच्छा तो सब कुछ वैसा होता नहीं अथवा उतना मिलता नहीं जितना बताया जाता है ,बुरा उससे अधिक आपको भुगतना होता है |ऐसा क्यों यदि सबकुछ भाग्य निर्धारित है तो फिर कर्म क्यों |कहने वाले कह सकते हैं की कर्म भी भाग्य से निर्धारित होता है तो फिर आराम से बैठा जाए जब भाग्य में कर्म होगा तो मिलेगा ,हाथ पाँव मारने की जरूरत क्या है |ज्योतिष के अनुसार एक व्यक्ति की अधिकतम आयु १२० वर्ष होती है ,तो कुछ लोग इससे अधिक कैसे जी जाते हैं |
हम मानते हैं की भाग्य की भूमिका तो होती है ,किन्तु हमेशा नहीं ,हर जगह नहीं ,हर स्थिति में नहीं |भाग्य भी कर्म ,आत्मबल ,हठ ,परिस्थितियों ,वातावरण ,से प्रभावित होता है |भाग्य भी ब्रह्मांडीय अथवा ईश्वरीय ऊर्जा से प्रभावित होता है |भाग्य भी नकारात्मक अथवा प्रक्षेपित ऊर्जा से प्रभावित होता है |भाग्य भी आपके चेतन -अचेतन-अथवा अवचेतन की सोच से प्रभावित होता है |
उपरोक्त जितने भी प्रश्न हैं उनमे भाग्य की भूमिका से अधिक आपकी शक्ति का योगदान अधिक होता है |आपमें ऐसी जादुई शक्ति है जो अंतर पैदा करती है ,भाग्य कुछ भी हो |कुछ उसका उपयोग कर भाग्य का पूरा पा जाते हैं ,उससे अधिक पा जाते हैं ,कुछ उसका उपयोग नहीं जानते अतः जो भाग्य में है वह भी नहीं ले पाते |यदि आप जीवन ,मष्तिष्क की मूलभूत और आधारभूत संरचना और कार्यप्रणाली को जान जाएँ ,इसकी तकनीकियों और उपयोग को समझ लें तो आप खुद में स्थित जादुई शक्ति पा सकते हैं और अन्यों से विशिष्ट जीवन पा सकते हैं |यदि इस चमत्कारी शक्ति को आप जान जाएँ तो आप अपनी दुविधा ,दुःख ,उदासी ,और असफलता के कुचक्र से बाहर निकल सकते हैं |यह शक्ति आपको अपनी सच्ची मंजिल तक पहुँचने का मार्गदर्शन देगी ,आपकी समस्याएं सुलझाएगी ,आपको भावनात्मक तथा शारीरिक बेड़ियों से मुक्त करेगी ,और आपको स्वतंत्रता ,ख़ुशी व् मानसिक शान्ति के राजसी मार्ग पर पहुंचा देगी |आपके अवचेतन मन की यह चमत्कारी शक्ति आपकी हर बीमारी ठीक कर सकती है |यह आपको दोबारा स्वस्थ ,उत्साही और शक्तिशाली बना सकती है |जब आप अपनी आतंरिक शक्तियों का उपयोग करना सीख लेंगे तो आप डर की कैद से मुक्त हो जायेंगे और ऐसे आनंददायी जीवन का स्वाद चखेंगे जिसकी आप कल्पना करते होंगे |
हमारे लिए अवचेतन मन की चमत्कारी शक्ति का सबसे बड़ा प्रमाण यह होगा ,की हमारी बीमारी ठीक हो जाए |तब हमें इस पर भरोसा हो जाएगा |इससे आपको उस उपचारक शक्ति पर विश्वास हो जाएगा जो हम सभी के अवचेतन मन की गहराई में मौजूद है |इसी तरह उपरोक्त सभी समस्याओं का हल आपके ही पास है |आप अपनी शक्ति को तो देखें |आप तो जीवन में उसका दस प्रतिशत भी उपयोग नहीं कर पाते |आप उसको जानकार उसका उपयोग समझ लें तो आपकी सभी समस्याएं आप खुद हल कर सकते हैं ,|उच्चता और सफलता पा सकते हैं |ध्यान दीजिये आपका अवचेतन आपको खतरे से आगाह करता है ,आपको स्वप्न से आभास देता है |आपको अनजाना भय या संकेत देता है ,जिससे आपको आभास हो जाता है की क्या होने वाला है |जब आपके न चाहते इतना होता है तो जब आप इसे विकसित और क्रियाशील कर लें और इसका लाभ उठाने लगें तो यह आपके जीवन को कहाँ पहुचा सकती है |हम अपने अगले पोस्टों में क्रमशः आपको ऐसी तकनीकियों और ज्ञान से अवगत करायेंगे जिससे आपको उपरोक्त सभी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा और आप खुद अपने जीवन में परिवर्तन कर पायेंगे ||.........................................................................हर-हर महादेव

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