ध्यान साधना से संभव है टेलीपैथी
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परामनोविज्ञान के वैज्ञानिकों ने मानव मस्तिष्क में छुपेहुए रहस्यमयी शक्तियों पर शोध करते हुये पता लगायाकि मनुष्य के अवचेतन मन मे अलौकिक, अविश्वसनीयऔर अकल्पनीय शक्तियां विद्यमान है। यदि अवचेतनमन की उन शक्तियों को योग आदि क्रियाओं के द्वाराजागृत कर लिया जाय तो अनेकानेक कौतुकमयीचमत्कार खुद ब खुद होने लगते हैं जैसे- किसी व्यक्ति केजीवन के गुप्त रहस्यों का पता लगना, मन की बात जानलेना, किसी भी व्यक्ति से मिलते ही उस व्यक्ति के भुत, भविष्य तथा वर्तमान की जानकारी प्राप्त कर लेना या उसकेसाथ घटने वाली घटनाओं को स्पष्ट देख लेना इत्यादि क्रियायें साधक के जीवन में आकस्मीक होने लगती हैं। ऐसीचमत्कारिक घटनाओं को अतिंद्रिय शक्ति का चमत्कार कहा जाता है।
अमेरिकी मनोवैज्ञानिकों ने मस्तिष्क में उठ रही तरंगों पर काफी शोध किया फलस्वरूप वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे किमन के अन्दर की अवचेतन मन को यदि क्रियाशील बनाया जाय तो बीना किसी आधुनिक उपकरणों तथा बीना किसीसंचार
माध्यमों के भी मन के तरंगों को पढ़ कर किसी भी व्यक्ति के मन के रहस्यों को जाना जा सकता है, तथा एक व्यक्तिदुसरे व्यक्ति के मन पर अपना प्रभाव डाल सकता है और उसे अपने मनोकुल कार्य करने को बाध्य कर सकता है।
इसी आधार पर मनो वैज्ञानिकों ने अतिंद्रिय शक्तियों से सम्पन्न व्यक्तियों पर परिक्षण कर पता लगाया कि मनुष्यके मस्तिष्क में विचार उत्पन्न होते ही सारे आकाश मंडल में अल्फा तरंगों के रूप मे फैल जातीे है जीसे कोई भी व्यक्तिअपने अंर्तमन को जाग्रत कर उन अल्फा तरंगो को पकड़ कर किस्ी भी व्यक्ति के मन मे उठ रहे विचारों को पढ़सकता है अथवा हजारों किलोमिटर दुर घट रही घटनाओं को स्पस्ट रूप से देख सकता है तथा भुत भविष्य तथावर्तमान काल मे भी प्रवेश कर भुतकाल की जानकारी तथा भविष्य में घटने वाली घटनाओं को स्पष्ट रूप से देखा जासकता है।
प्राचीन योग शास्त्रों के अनुसार ध्यान साधना के द्वारा अतिंद्रय शक्तियों को जगाकर मानसिक शक्तियों के माध्यमसे दुर दृष्टि, दुरबोध, विचार संप्रेषण एवं भुत भविष्य तथा वर्तमान दर्शन इत्यादि कार्य संपन्न किये जा सकतेहैं।...........................................................हर-हर महादेव
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