अतीन्द्रिय शक्ति और उसकी पृष्ठभूमि [भाग-३ ]
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इंग्लैण्ड में सैमवेंजोन नाम एक व्यक्ति हुआ है,उसे बाल्यावस्था से ही पूर्वाभास हुआ कि बाहर गये पिताजी एक ट्रामसे घर आ रहे हैं और वह ट्राम दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वे घायल हो गये है। माँ को वेंजोन ने यह बताया तो मिलीझिड़की। पर जब कुछ समय बाद आहत पिताजी घर आये और उन्होंने बताया कि ट्राम दुर्घटना से ही वे आहत हुए हैं,तो दुखी माँ विस्मित भी हो उठी।बाल्यावस्था में ही सैमवेन्जोन ने अनेक बार पूर्वाभ्यास की अपनी शक्ति का परिचय दिया। उसके घर में क्रिसमस परप्रीतिभोज दिया गया,,मित्रों, पड़ोसियों, परिजनों ने उपहार दिये,सबके जाने के बाद माँ ने सैमवेजोंन से उपहार का एकडिब्बा दिखाकर पूछा-”तू बड़ा भविष्यदर्शी बनता है, बता इस डिब्बे में क्या है?” डिब्बा जैसा आया था, वैसा ही बन्द था।सैम ने वे सारी वस्तुएं गिन-गिनकर बता दीं जो उस डिब्बे में बन्द थी, बिना किसी ‘लेन्स’ या यन्त्र के डिब्बे के भीतर की वस्तु का यह ज्ञान उस तथ्य को द्योतक है कि विचारों औरभावनाओं की दिव्य तथा सूक्ष्म शक्ति द्वारा बिना किसी माध्यम के गहन अन्तराल में छिपी वस्तुओं को भी देखा-जाना जा सकता है।
अपने एक परिचित पेंटर के बारे में एक दिन ऑफिस में बैठे वेन्जोन ने सहसा चलचित्रवत् दृश्य देखा कि वह एक दीवारकी पेंटिंग करते समय सीढ़ियों से लुढ़क कर गिर पड़ा है,तीन दिन के भीतर ही यह दुर्घटना इसी रूप में हुई औरमोहल्ले ने एक मकान की दीवार की रंगाई के समय सीढ़ी से फिसल कर गिरने से उक्त पेंटर की मृत्यु हो गईं । वेन्जोनका पूर्वाभ्यास सत्य सिद्ध हुआ।
प्रख्यात भविष्यवक्ता पीटर हरकौस की विलक्षण अतीन्द्रिय शक्ति विश्व प्रसिद्ध है। वह घटनास्थल की किसी भी वस्तुको छूता और उसे उस स्थान से संबंधित अतीत में घटी, वर्तमान में घट रही तथा भविष्य में घटित होने वाली घटनाएँस्पष्ट दिखने लगती।
पेरिस में कई शीर्षस्थ अधिकारियों की उपस्थिति में हरकावैस का आह्वान किया गया कि वह अपनी अतीन्द्रियसामर्थ्य का प्रदर्शन करें। पीटर हरकावैस को कंघा, कैंची, घड़ी, लाइटर और बटुआ देकर कहा गया कि आप इनकेआधार पर एक मामले का पता लगाएँ। पीटर ने पाँचों को छुआ और ध्यानमग्न हो गया। उसने दो वस्तुओं कीअनावश्यक कहकर लौटा दिया। फिर बटुए को हाथ में थाम खोया हुआ-सा बोलने लगा- ”एक गंजा आदमी है। वहसफेद कोट पहने है। एक पहाड़ी के पास छोटे से मकान में वह रहता है, जिसके बगल से रेलवे-लाइन गुजरती हैं। मकानसे कुछ दूर एक गोदाम है। दोनों स्थानों के बीच एक शव पड़ा है। यह हत्या का मामला है। यह हत्या किसी निकोलानामक व्यक्ति द्वारा उसे जहर मिला दूध पिलाकर की गई है। लगता है यह सफेद कोट धारी गंजा ही निकोला है-जोइन दिनों जेल में है और वह शव एक महिला का है। निकोला भी मर गया है,,पीटर हरकौसा की सभी बातें तो सही थी,, पर जेल में बन्द निकोला जीवित था,, तभी अधिकारियों को समाचार दियागया कि दो घण्टे पहले निकोला ने आत्महत्या कर ली है।
सन् 1950 में जब प्रसिद्ध संग्रहालय ‘वेस्टमिनिस्टर एवे’ से ‘स्कोन’ नामक हीरा चोरी गया, तो पूरे ब्रिटेन में तहलकामच गया। गुप्तचरों और पुलिस की दौड़ धूप व्यर्थ गई। चोरी का सुराग तक नहीं मिला। तब पीटर हरकौस की सहायताली गई। हरकौस लन्दन पहुँचा। एवे के दरवाजे की एक लोहे की चादर का टुकड़ा अपने हाथ में लेकर पीटर बताने लगा-पाँच लड़कों ने ‘स्कोन’ को चुराया है और कार द्वारा ग्लासगो ले गए हैं। हीरा एक महीने में मिल जाएगा। चोरों केभागने का रास्ता भी हरकौस ने नक्शे में बता दिया ,,अन्त में एक माह में हीरा मिला और हरकौस की हर बात सत्यनिकली।
एसटरडम में एक आर एक फौजी कप्तान का लड़का समुद्र में गिर गया। शव मिल नहीं रहा था। पीटर हरकौस नेअपनी अन्तःदृष्टि से शव को तलाशने का स्थान बताया। वह मिल गया।
वेल्जियम के जार्ज कानेर्लिस के हत्यारों का पता भी हरकौस ने ही लगाया था। अमेरिकी वैज्ञानिकों डा0 अन्डिया पूरियाके आमन्त्रण पर पीटर अमरीका गए। वहाँ उन पर कई प्रयोग किये गये। डा0 पूरिया की संरक्षिका के सहसा देहान्त सेवे प्रयोग बीच में ही रोक दिन गया। पर जो हुए वे भी महत्त्वपूर्ण थे।
पीटर हारकौस ने स्वयं ही “साइक” नाम से अपना संस्मरण-संग्रह लिखा व प्रकाशित कराया है; जो उसकी अतीन्द्रिय-शक्तियों पर प्रकाश डालता है।
पूर्वाभ्यास की यह क्षमता कई व्यक्तियों में असाधारण तौर पर विकसित होती हैं द्वितीय महायुद्ध में ऐसे लोगों कोदोनों पक्षों ने उपयोग किया था। हिटलर के परामर्श मण्डल में पाँच ऐसे ही दिव्यदर्शी भी थे। उनका नेतृत्व करते थेविलयम क्राफ्ट।
इसी मण्डली के एक सदस्य श्री डी0 व्होल ने तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मन्त्री लार्ड हेली फिक्स को सर्वप्रथम एक भोजमें अनुरोध किए जाने पर हिटलर की योजनाओं का पूर्वाभ्यास दिया। वे सच निकलीं और श्री व्होल की फौज में कैप्टनका पद दिया गया। श्री डी0 व्होल हिटलर की अनेक योजनाओं की जानकारी अपनी दिव्य दृष्टि से दे देते। ब्रिटेनतदनुसार रणनीति बनाता। फौजी अफसरों की जिम्मेदारियाँ सौंपते समय भी उनके भविष्य बाबत श्री डी0 व्होल सेसलाह ली जाती। उन्हीं के परामर्श पर माउन्ट गोमरी की फील्ड मार्शल बनाया गया। उनकी सफलताएँ सर्वविदित है।जापानी जहाजी बेड़े को नष्ट करने की योजना भी श्री व्होल की सलाह से बनी थी। महायुद्ध की समाप्ति बाद श्री व्होलने ब्रिटिश शासक को परामर्श देने का कार्य छोड़ दिया था और धार्मिक लेखन का अपना पुराना काम करने लगे थे।
प्रत्यक्ष इन्द्रिय शक्ति हमारे सामान्य जीवन निर्वाह में अतीव उपयोगी भूमिका सम्पन्न करती है। वह न हो तो फिरहम जीवित माँस पिण्ड की तरह इधर-उधर लुढ़कते ही मौत के दिन पूरे करेंगे। मानवी प्रगति में उसकी परिष्कृतज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रिय शक्ति है। उस दिव्य-क्षमता को यदि हम उपलब्ध कर सकें तो उस आधार पर खुलने वालासफलताओं का नया द्वारा हमें देवोपम स्तर तक पहुँचा सकने में समर्थ हो सकताहै।.....................................................................हर-हर महादेव
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