महावशीकरण श्यामा मातंगी यन्त्र /कवच और महावशीकरण मन्त्र
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सभी के लिए उपयोगी
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मातंगी महाविद्या ,दस महाविद्या में से एक प्रमुख महाविद्या ,,वैदिक सरस्वती का तांत्रिक रूप हैं और श्री कुल के अंतर्गत पूजित हैं |यह सरस्वती ही हैं और वाणी ,संगीत ,ज्ञान ,विज्ञान ,सम्मोहन ,वशीकरण ,मोहन की अधिष्ठात्री हैं |त्रिपुरा ,काली और मातंगी का स्वरुप लगभग एक सा है |यद्यपि अन्य महाविद्याओं से भी वशीकरण ,मोहन ,आकर्षण के कर्म होते हैं और संभव हैं किन्तु इस क्षेत्र का आधिपत्य मातंगी [सरस्वती] को प्राप्त हैं |यह जितनी समग्रता ,पूर्णता ,निश्चितता से इस कार्य को कर सकती हैं कोई अन्य नहीं क्योकि सभी अन्य की अवधारणा अन्य विशिष्ट गुणों के साथ हुई है |उन्हें वशीकरण ,मोहन के कर्म हेतु अपने मूल गुण के साथ अलग कार्य करना होगा जबकि मातंगी वशीकरण ,मोहन की देवी ही हैं अतः यह आसानी से यह कार्य कर देती हैं |मातंगी के तीन विशिष्ट स्वरुप हैं श्यामा मातंगी ,राज मातंगी और वश्य मातंगी |श्यामा मातंगी स्वरुप मातंगी का उग्र स्वरुप है और वशीकरण ,मोहन, आकर्षण को तीब्रता से करता है |इनका मात्र अति विशिष्ट है ,जिसमे माया [देवी] ,सरस्वती [मातंगी ],लक्ष्मी ,त्रिपुरसुन्दरी[श्री विद्या]और काली के बीज मन्त्रों का विशिष्ट संयोग है जिससे मातंगी की मुख्यता के साथ इन सभी शक्तियों की शक्ति भी सम्मिलित होती है जिससे यह विद्या सब कुछ देने के साथ वशीकरण ,आकर्षण में निश्चित सफलता देती है |
मातंगी ,या श्यामा मातंगी का मंत्र ,मातंगी साधक ही प्रदान कर सकता है ,अन्य किसी महाविद्या का साधक इनके मंत्र को प्रदान करने का अधिकारी नहीं है |स्वयं मंत्र लेकर जपने से महाविद्याओं के मंत्र सिद्ध नहीं होते ,अतः जब भी मंत्र लिया जाए मातंगी साधक से ही लिया जाए ,यद्यापि मातंगी साधक खोजे नहीं मिलते जबकि अन्य महाविद्या के साधक मिल जाते हैं |इनके मंत्र और यंत्र का उपयोग अधिकतर प्रवचनकर्ता ,धर्म गुरु ,tantra गुरु ,बौद्धिक लोग करते हैं जिन्हें समाज-भीड़-लोगों के समूह का नेतृत्व अथवा सामन करना होता है ,ज्ञान विज्ञानं की जानकारी चाहिए होती है |मातंगि के शक्ति से इनमे सम्मोहन -वशीकरण की शक्ति होती है |
मातंगी का यन्त्र इसमें अतिरिक्त ऊर्जा का कार्य करता है जिसे मातंगी साधक निर्मित करता है भोजपत्र पर |मातंगी का यन्त्र बाजार में धातु का मिल जाता है किन्तु श्यामा मातंगी का मिलना मुश्किल होता है |धातु के यन्त्र की प्रभावित भी संदिग्ध होती है जबकि मातंगी साधक द्वारा निर्मित श्यामा मातंगी के यन्त्र में साधक की शक्ति ,मुहूर्त की शक्ति ,भोजपत्र की पवित्रता ,अष्टगंध की विशिष्टता ,मंत्र की शक्ति ,प्राण प्रतिष्ठा की शक्ति सम्मिलित होती है जिससे यह यन्त्र निश्चित प्रभावकारी हो जाता है |धारण करने पर इससे उत्पन्न विशिष्ट तरंगे व्यक्ति और वातावरण को प्रभावित करती हैं जिससे खुद व्यक्ति में भी परिवर्तन आता है और आसपास के लोग भी प्रभावित होते हैं |इसके वाशिकारक प्रभाव में संपर्क में आने वाले लोग बांध जाते हैं |यद्यपि यन्त्र किसी विशिष्ट व्यक्ति के लिए भी बनाया जा सकता है किन्तु व्यक्ति केन्द्रित न रखा जाए तो यह सब पर प्रभाव डालता है |
श्यामा मातंगी का मंत्र और यन्त्र प्रकृति की सभी शक्तियों में सर्वाधिक शक्तिशाली वाशिकारक और मोहक प्रभाव रखता है क्योकि यह इसी की शक्ति हैं ही |यद्यपि इनका यन्त्र काफी महंगा पड़ जाता है ,जबकि अन्य वशीकरण के यन्त्र बाजार में बहुत सस्ते मिल जाते हैं ,यह अलग है की अन्य भले असफल हो जाए इनका यन्त्र प्रभाव जरुर देता है |कम से कम अभिमंत्रित यन्त्र भी 7000 से कम में नहीं आएगा यदि वास्तविक प्रभाव लानी है ,क्योकि बहुत कम अभिमन्त्रण अपेक्षित परिणाम नहीं देगा |इस तरह सबके लिए तो नहीं किन्तु जरूरतमंद के लिए यह यन्त्र लाभदायक होता है |
श्यामा मातंगी यन्त्र का प्रभाव और उपयोग
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१. यन्त्र धारण करने से वशीकरण की शक्ति बढती है |व्यक्तित्व का प्रभाव बढ़ता है |
२. अधिकारी वर्ग को अपने कर्मचारियों पर नियंत्रण और उन्हें वशीभूत रखने में आसानी होती है |
३.कर्मचारी को अपने अधिकारियों को अनुकूल रखने में मदद मिलती है |
४.पति को पत्नी की और पत्नी को पति की अनुकूलता अपने आप प्राप्त होती है और धारण करने वाले का पति या पत्नी वशीभूत होता है |
५.सेल्स ,मार्केटिंग ,पब्लिक रिलेसन का कार्य करने वालों को लोगों का अपेक्षित सहयोग मिलता है |
६.व्यवसायी को ग्राहकों की अनुकूलता मिलती है और अपरोक्त उन्नति में सहायत मिलती है |
७.रुष्ट परिवार वालों को इससे अनुकूल करने में मदद मिलती है |
८.वाद-विवाद ,मुकदमे ,बहस ,समूह वार्तालाप ,आपसी बातचीत में सामने वाले की अनुकूलता प्राप्त होती है |
९. चूंकि यह महाविद्या यन्त्र है और काली की शक्ति से संयुक्त है अतः नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है |
१०. किसी पर पहले से कोई वशीकरण की क्रिया है तो यन्त्र भरे हुए चांदी कवच को सुबह शाम कुछ दिन एक गिलास जल में डुबोकर वह जल व्यक्ति को पिलाने से वशीकरण का प्रभाव उतरता है |
११.किसी भी तरह के इंटरव्यू में परीक्षक पर सकारात्मक प्रभाव देता है |
१२. व्यक्ति विशेष के लिए बनाया गया यन्त्र धारण और मंत्र जप निश्चित रूप से सम्बंधित व्यक्ति को वशीभूत करता है |
१३.दाम्पत्य कलह ,पारिवारिक कलह ,मनमुटाव ,विरोध में लोगों को प्रभावित करता है और व्यक्ति के अनुकूल करता है |
१४.सामाजिक संपर्क रखने वालों को लोगों की अनुकूलता प्राप्त होती है |
१५.ज्ञान-विज्ञानं-अन्वेषण-परीक्षा-प्रतियोगिता ,प्रवचन ,भाषण से समबन्धित लोगों को सफल होने में मदद करता है |
इस प्रकार ऐसा कोई क्षेत्र लगभग नहीं जहाँ इस यन्त्र से लाभ न मिलता हो क्योकि लोगों की अनुकूलता की जरुरत सबको होती है और लोग या व्यक्ति प्रभावित हो अनुकूल हों ,वशीभूत हों तो व्यक्ति को लाभ अवश्य होता है |अतः श्यामा मातंगी साधक द्वारा बनाया गया श्यामा मातंगी यन्त्र ,अन्य किसी यन्त्र से अधिक लाभकारी होता है |..........................................................................हर-हर महादेव
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सभी के लिए उपयोगी
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मातंगी महाविद्या ,दस महाविद्या में से एक प्रमुख महाविद्या ,,वैदिक सरस्वती का तांत्रिक रूप हैं और श्री कुल के अंतर्गत पूजित हैं |यह सरस्वती ही हैं और वाणी ,संगीत ,ज्ञान ,विज्ञान ,सम्मोहन ,वशीकरण ,मोहन की अधिष्ठात्री हैं |त्रिपुरा ,काली और मातंगी का स्वरुप लगभग एक सा है |यद्यपि अन्य महाविद्याओं से भी वशीकरण ,मोहन ,आकर्षण के कर्म होते हैं और संभव हैं किन्तु इस क्षेत्र का आधिपत्य मातंगी [सरस्वती] को प्राप्त हैं |यह जितनी समग्रता ,पूर्णता ,निश्चितता से इस कार्य को कर सकती हैं कोई अन्य नहीं क्योकि सभी अन्य की अवधारणा अन्य विशिष्ट गुणों के साथ हुई है |उन्हें वशीकरण ,मोहन के कर्म हेतु अपने मूल गुण के साथ अलग कार्य करना होगा जबकि मातंगी वशीकरण ,मोहन की देवी ही हैं अतः यह आसानी से यह कार्य कर देती हैं |मातंगी के तीन विशिष्ट स्वरुप हैं श्यामा मातंगी ,राज मातंगी और वश्य मातंगी |श्यामा मातंगी स्वरुप मातंगी का उग्र स्वरुप है और वशीकरण ,मोहन, आकर्षण को तीब्रता से करता है |इनका मात्र अति विशिष्ट है ,जिसमे माया [देवी] ,सरस्वती [मातंगी ],लक्ष्मी ,त्रिपुरसुन्दरी[श्री विद्या]और काली के बीज मन्त्रों का विशिष्ट संयोग है जिससे मातंगी की मुख्यता के साथ इन सभी शक्तियों की शक्ति भी सम्मिलित होती है जिससे यह विद्या सब कुछ देने के साथ वशीकरण ,आकर्षण में निश्चित सफलता देती है |
मातंगी ,या श्यामा मातंगी का मंत्र ,मातंगी साधक ही प्रदान कर सकता है ,अन्य किसी महाविद्या का साधक इनके मंत्र को प्रदान करने का अधिकारी नहीं है |स्वयं मंत्र लेकर जपने से महाविद्याओं के मंत्र सिद्ध नहीं होते ,अतः जब भी मंत्र लिया जाए मातंगी साधक से ही लिया जाए ,यद्यापि मातंगी साधक खोजे नहीं मिलते जबकि अन्य महाविद्या के साधक मिल जाते हैं |इनके मंत्र और यंत्र का उपयोग अधिकतर प्रवचनकर्ता ,धर्म गुरु ,tantra गुरु ,बौद्धिक लोग करते हैं जिन्हें समाज-भीड़-लोगों के समूह का नेतृत्व अथवा सामन करना होता है ,ज्ञान विज्ञानं की जानकारी चाहिए होती है |मातंगि के शक्ति से इनमे सम्मोहन -वशीकरण की शक्ति होती है |
मातंगी का यन्त्र इसमें अतिरिक्त ऊर्जा का कार्य करता है जिसे मातंगी साधक निर्मित करता है भोजपत्र पर |मातंगी का यन्त्र बाजार में धातु का मिल जाता है किन्तु श्यामा मातंगी का मिलना मुश्किल होता है |धातु के यन्त्र की प्रभावित भी संदिग्ध होती है जबकि मातंगी साधक द्वारा निर्मित श्यामा मातंगी के यन्त्र में साधक की शक्ति ,मुहूर्त की शक्ति ,भोजपत्र की पवित्रता ,अष्टगंध की विशिष्टता ,मंत्र की शक्ति ,प्राण प्रतिष्ठा की शक्ति सम्मिलित होती है जिससे यह यन्त्र निश्चित प्रभावकारी हो जाता है |धारण करने पर इससे उत्पन्न विशिष्ट तरंगे व्यक्ति और वातावरण को प्रभावित करती हैं जिससे खुद व्यक्ति में भी परिवर्तन आता है और आसपास के लोग भी प्रभावित होते हैं |इसके वाशिकारक प्रभाव में संपर्क में आने वाले लोग बांध जाते हैं |यद्यपि यन्त्र किसी विशिष्ट व्यक्ति के लिए भी बनाया जा सकता है किन्तु व्यक्ति केन्द्रित न रखा जाए तो यह सब पर प्रभाव डालता है |
श्यामा मातंगी का मंत्र और यन्त्र प्रकृति की सभी शक्तियों में सर्वाधिक शक्तिशाली वाशिकारक और मोहक प्रभाव रखता है क्योकि यह इसी की शक्ति हैं ही |यद्यपि इनका यन्त्र काफी महंगा पड़ जाता है ,जबकि अन्य वशीकरण के यन्त्र बाजार में बहुत सस्ते मिल जाते हैं ,यह अलग है की अन्य भले असफल हो जाए इनका यन्त्र प्रभाव जरुर देता है |कम से कम अभिमंत्रित यन्त्र भी 7000 से कम में नहीं आएगा यदि वास्तविक प्रभाव लानी है ,क्योकि बहुत कम अभिमन्त्रण अपेक्षित परिणाम नहीं देगा |इस तरह सबके लिए तो नहीं किन्तु जरूरतमंद के लिए यह यन्त्र लाभदायक होता है |
श्यामा मातंगी यन्त्र का प्रभाव और उपयोग
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१. यन्त्र धारण करने से वशीकरण की शक्ति बढती है |व्यक्तित्व का प्रभाव बढ़ता है |
२. अधिकारी वर्ग को अपने कर्मचारियों पर नियंत्रण और उन्हें वशीभूत रखने में आसानी होती है |
३.कर्मचारी को अपने अधिकारियों को अनुकूल रखने में मदद मिलती है |
४.पति को पत्नी की और पत्नी को पति की अनुकूलता अपने आप प्राप्त होती है और धारण करने वाले का पति या पत्नी वशीभूत होता है |
५.सेल्स ,मार्केटिंग ,पब्लिक रिलेसन का कार्य करने वालों को लोगों का अपेक्षित सहयोग मिलता है |
६.व्यवसायी को ग्राहकों की अनुकूलता मिलती है और अपरोक्त उन्नति में सहायत मिलती है |
७.रुष्ट परिवार वालों को इससे अनुकूल करने में मदद मिलती है |
८.वाद-विवाद ,मुकदमे ,बहस ,समूह वार्तालाप ,आपसी बातचीत में सामने वाले की अनुकूलता प्राप्त होती है |
९. चूंकि यह महाविद्या यन्त्र है और काली की शक्ति से संयुक्त है अतः नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है |
१०. किसी पर पहले से कोई वशीकरण की क्रिया है तो यन्त्र भरे हुए चांदी कवच को सुबह शाम कुछ दिन एक गिलास जल में डुबोकर वह जल व्यक्ति को पिलाने से वशीकरण का प्रभाव उतरता है |
११.किसी भी तरह के इंटरव्यू में परीक्षक पर सकारात्मक प्रभाव देता है |
१२. व्यक्ति विशेष के लिए बनाया गया यन्त्र धारण और मंत्र जप निश्चित रूप से सम्बंधित व्यक्ति को वशीभूत करता है |
१३.दाम्पत्य कलह ,पारिवारिक कलह ,मनमुटाव ,विरोध में लोगों को प्रभावित करता है और व्यक्ति के अनुकूल करता है |
१४.सामाजिक संपर्क रखने वालों को लोगों की अनुकूलता प्राप्त होती है |
१५.ज्ञान-विज्ञानं-अन्वेषण-परीक्षा-प्रतियोगिता ,प्रवचन ,भाषण से समबन्धित लोगों को सफल होने में मदद करता है |
इस प्रकार ऐसा कोई क्षेत्र लगभग नहीं जहाँ इस यन्त्र से लाभ न मिलता हो क्योकि लोगों की अनुकूलता की जरुरत सबको होती है और लोग या व्यक्ति प्रभावित हो अनुकूल हों ,वशीभूत हों तो व्यक्ति को लाभ अवश्य होता है |अतः श्यामा मातंगी साधक द्वारा बनाया गया श्यामा मातंगी यन्त्र ,अन्य किसी यन्त्र से अधिक लाभकारी होता है |..........................................................................हर-हर महादेव
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