दुर्गा शक्ति बीसा यन्त्र
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इस यन्त्र की रचना नवरात्र अथवा किसी शुभ मुहूर्त में अष्टगंध की स्याही से अनार की कलम से भोजपत्र पर होती है ,प्राण प्रतिष्ठा के बाद यन्त्र को लाल आसन पर प्रतिष्ठित कर ,स्वयं लाल वस्त्र पहन कर ,लाल वस्तुओं की पुजन सामग्री के साथ पूजन करे ,फिर रुद्राक्ष की माला से नवार्ण मंत्र का ११ हजार जप करे ,फिर हवन दान आदि करे ,यन्त्र को चांदी के कवच में भरकर धारण करने से रोग-ऋण -शत्रु-अमंगल आदि का भय मिट जाता है ,सौभाग्य वृद्धि होती है ,सुरक्षा प्राप्त होती है ,वायव्य बाधाओं का शमन होता है ,शांति प्राप्त होती है .|चूंकि दुर्गा सात्विक शक्तियों में महा शक्तिशाली देवी हैं जो सभी शक्तियों का साथ रखती हैं अतः इनका यन्त्र हर प्रकार के कारों में कार्य करता है ,चाहे सुरक्षा हो या मंगलकार्य यह हर जगह अपना प्रभाव देता है |नवरात्रों आदि में जबकि माता दुर्गा का मुख्य आराधना समय होता है ,इस यन्त्र की रचना इसे अत्यधिक प्रभावकारी बना देती है |चूंकि यन्त्र रचना दुर्गा साधक ही कर सकता है अतः साधक ककी शक्तियां भी यन्त्र के साथ जुडती हैं |........................................................हर-हर महादेव
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इस यन्त्र की रचना नवरात्र अथवा किसी शुभ मुहूर्त में अष्टगंध की स्याही से अनार की कलम से भोजपत्र पर होती है ,प्राण प्रतिष्ठा के बाद यन्त्र को लाल आसन पर प्रतिष्ठित कर ,स्वयं लाल वस्त्र पहन कर ,लाल वस्तुओं की पुजन सामग्री के साथ पूजन करे ,फिर रुद्राक्ष की माला से नवार्ण मंत्र का ११ हजार जप करे ,फिर हवन दान आदि करे ,यन्त्र को चांदी के कवच में भरकर धारण करने से रोग-ऋण -शत्रु-अमंगल आदि का भय मिट जाता है ,सौभाग्य वृद्धि होती है ,सुरक्षा प्राप्त होती है ,वायव्य बाधाओं का शमन होता है ,शांति प्राप्त होती है .|चूंकि दुर्गा सात्विक शक्तियों में महा शक्तिशाली देवी हैं जो सभी शक्तियों का साथ रखती हैं अतः इनका यन्त्र हर प्रकार के कारों में कार्य करता है ,चाहे सुरक्षा हो या मंगलकार्य यह हर जगह अपना प्रभाव देता है |नवरात्रों आदि में जबकि माता दुर्गा का मुख्य आराधना समय होता है ,इस यन्त्र की रचना इसे अत्यधिक प्रभावकारी बना देती है |चूंकि यन्त्र रचना दुर्गा साधक ही कर सकता है अतः साधक ककी शक्तियां भी यन्त्र के साथ जुडती हैं |........................................................हर-हर महादेव
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