तुलसी के तंत्रिकीय और औषधीय उपयोग
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[१] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से शीघ्र वीर्य पतन अथवा वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है |
[२] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।
[३] मासिक धर्म में अनियमियता:: जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है और जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो भी ठीक होती है
[४] तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है
[५] प्रतिदिन चार पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह,रक्त विकार ,वाट-पित्त दोष आदि दूर होते हैं |
[६] तुलसी के समीप आसन लगाकर कुछ दिन बैठने से श्वास के रोग ,अस्थमा आदि से जल्दी छुटकारा मिल सकता है |
[७] तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है |
[८] वास्तु दोष दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण पूर्व से लेकर वायव्य अर्थात उत्तर-पश्चिम तक के खली स्थान में लगा सकते हैं ,अथवा गमले में रख सकते हैं |
[९] पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से जिद्दी पुत्र का हठ दूर होता है |
[१०] पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते कुछ दिन खिलाने से अनियंत्रित संतान आज्ञानुसार व्यवहार कर सकती है |
[११] अग्नि कोण में स्थापित तुलसी के पौधे को कन्या अगर नित्य अगर जल अर्पित कर प्रदक्षिणा करे तो उसके विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र उत्तम विवाह की संभावनाएं बनती हैं |
[१२] दक्षिण -पश्चिम में रखे तुलसी के गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करने और मिठाई का भोग लगा किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय की सफ़लता बढती है और कारोबार ठीक होता है |
[१३] नित्य पंचामृत में तुलसी मिलाकर शालिग्राम का अभिषेक करने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं|
[१४] तुलसी के १६ बीज किसी सफ़ेद कपडे में बांधकर सोमवार को कार्यस्थल पर सुबह दबा देने से वहां सम्मान की वृद्धि होती है और अधिकारियों की अनुकूलता प्राप्त होती है |
[१५] ८ तुलसी के पत्ते और ८ काली मिर्च की पोटली बनाकर बांह में बाँधने से भूत-प्रेत आदि की समस्या दूर होती है |..................................................................हर-हर महादेव
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[१] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से शीघ्र वीर्य पतन अथवा वीर्य की कमी की समस्या दूर होती है |
[२] तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।
[३] मासिक धर्म में अनियमियता:: जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है और जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो भी ठीक होती है
[४] तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है . इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है
[५] प्रतिदिन चार पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह,रक्त विकार ,वाट-पित्त दोष आदि दूर होते हैं |
[६] तुलसी के समीप आसन लगाकर कुछ दिन बैठने से श्वास के रोग ,अस्थमा आदि से जल्दी छुटकारा मिल सकता है |
[७] तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है |
[८] वास्तु दोष दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण पूर्व से लेकर वायव्य अर्थात उत्तर-पश्चिम तक के खली स्थान में लगा सकते हैं ,अथवा गमले में रख सकते हैं |
[९] पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से जिद्दी पुत्र का हठ दूर होता है |
[१०] पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते कुछ दिन खिलाने से अनियंत्रित संतान आज्ञानुसार व्यवहार कर सकती है |
[११] अग्नि कोण में स्थापित तुलसी के पौधे को कन्या अगर नित्य अगर जल अर्पित कर प्रदक्षिणा करे तो उसके विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र उत्तम विवाह की संभावनाएं बनती हैं |
[१२] दक्षिण -पश्चिम में रखे तुलसी के गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करने और मिठाई का भोग लगा किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय की सफ़लता बढती है और कारोबार ठीक होता है |
[१३] नित्य पंचामृत में तुलसी मिलाकर शालिग्राम का अभिषेक करने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं|
[१४] तुलसी के १६ बीज किसी सफ़ेद कपडे में बांधकर सोमवार को कार्यस्थल पर सुबह दबा देने से वहां सम्मान की वृद्धि होती है और अधिकारियों की अनुकूलता प्राप्त होती है |
[१५] ८ तुलसी के पत्ते और ८ काली मिर्च की पोटली बनाकर बांह में बाँधने से भूत-प्रेत आदि की समस्या दूर होती है |..................................................................हर-हर महादेव
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